दिसंबर में हो सकते हैं नगर निकाय चुनाव, जनवरी के पहले चरण में होगी मतगणना

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 शहरी निकाय निदेशालय द्वारा अभी क्षेत्रों का परिसीमन और वार्डों में आरक्षण की प्रक्रिया बांकी है. इसलिए चुनाव दिसंबर में कराना चुनाव आयोग की मजबूरी है. कल यानी 31अक्टूबर को आयोग ने मौजूदा वोटर लिस्ट प्रकाशित की है

न्यूज जंगल पॉलिटिकल डेस्क : उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है अब लोग निकाय चुनाव को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं और इस बीच नगर निकाय चुनावों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है और बताया जा रहा है कि दिसंबर महीने में नगर निकाय के चुनाव हो सकते हैं. चुनाव 4 चरणों में होंगे. जनवरी के पहले सप्ताह में मतगणना होनी है।

आप को बता दें कि 2017 में नवंबर में नगर निकाय के चुनाव हुए थे. ये चुनाव भी 4 चरणों मे हुए थे. 2 दिसंबर 2017 को नगर निकाय चुनावों की मतगणना हुई थी लेकिन इस बार चुनाव 1 महीने लेट दिसंबर में होने की बात कही जा रही है और जिसका परिणाम जनवरी 2023 में आएगा. बताया जा रहा है कि 1 नवंबर से 18 नवंबर तक वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण कार्यक्रम चलेगा. जिसके बाद 18 नवंबर को फाइनल वोटर लिस्ट तैयार कर ली जाएगी ।

परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया बांकी
गौरतलब है कि शहरी निकाय निदेशालय द्वारा अभी क्षेत्रों का परिसीमन और वार्डों में आरक्षण की प्रक्रिया अभी बाकी है इसलिए चुनाव दिसंबर में कराना चुनाव आयोग की मजबूरी है. कल यानी 31अक्टूबर को आयोग ने मौजूदा वोटर लिस्ट प्रकाशित करी है और जिसमें 1 से 7 नवंबर तक लोग, वोटर लिस्ट में अपना नाम और अन्य विवरण देख सकते हैं. इसके बाद 8 से 12 नवंबर के बीच वोटर अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं ।

वोटर ऑनलाइन भी जुड़वा सकेंगे अपना नाम
बताया गया कि 14 नवंबर से लेकर 17 नवंबर के बीच दावे और आपत्तियों का निस्तारण होगा और जिसके बाद 18 नवंबर को अंतिम रूप से तैयार वोटर लिस्ट जारी करी जाएगी । आयोग ने वोटरों की सुविधा के लिए ऑनलाइन वेबसाइट भी जारी किया है. जिसमें लिंक के सहारे भी वोटर अपना नाम जुड़वा सकेंगे और आप भी लिंक http://sec.up.nic.in के सहारे वेबसाइट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं ।

लोकसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा निकाय चुनाव
नगर निकाय चुनाव, लोकसभा 2024 के पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है. और युपी निकाय चुनाव के बाद अब सीधे लोकसभा का चुनाव ही होना है । यही वजह है कि सभी पार्टियां चुनाव के लिए कमर कस चुकी हैं. निकाय चुनावों में जीत दर्ज करने वाली पार्टी लोकसभा चुनावों में मनोवैज्ञानिक बढ़त के साथ जाएगी. कहा जाता है कि देश के सत्ता की चाभी उत्तर प्रदेश चुनावों से ही जाती है. यहां अच्छा प्रदर्शन करने वाली पार्टी ही केंद्र में सत्ता पाती है. यहां लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 80 में से 62 सीटें जीती थी. पार्टी एक बार फिर अपने प्रदर्शन को दोहराने का प्रयास करेगी

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