स्नातक एमएलसी चुनाव: अरुण पाठक को वाकओवर, बंगले के समर्थन से मिली मजबूती
सपा के कमलेश यादव से सीधी लड़ाई
स्वरूप परिवार में मतभेद का फायदा भाजपा को
कुमकुम स्वरूप ने पाठक के लिए बनवाये थे 4.5 हज़ार वोट, चुनाव में मानवेन्द्र और अलक्षेन्द्र साइलेंट
कानपुर। विधान परिषद स्नातक क्षेत्र चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अरुण पाठक की स्थिति काफी मजबूत हो गयी है। उन्हें वाकओवर मिलता दिख रहा है। जीत का अन्तर भी अच्छा-खासा बढ़ सकता है। स्वरूप परिवार ने उन्हें मूक समर्थन दे दिया है। कुमकुम स्वरूप चुप्पी साधे हैं पर वह अरुण के पक्ष में साफ खड़ी हैं। सूत्रों ने बताया कि भाजपा पतयाशी पाठक के लिए 4.5 वोटों का उनका योगदान है। परिवार को भाजपा देरसबेर उपकृत कर सकती है। समर्थकों का दावा है कि करीब डेढ़ लाख मतदाता भाजपा ने बनाए हैं।
मतदाताओं की संख्या दो लाख के करीब है। पुख्ता सूत्र बताते हैं भाजपा प्रत्याशी पाठक की मजबूती एक कारण स्वरूप परिवार का समर्थन भी बताया जाता है। इस सीट पर 99 साल तक स्वरूप परिवार का कब्जा था। पर अब नहीं है। जगेंद्र स्वरूप की मृत्यु के बाद उपचुनाव में भाजपा के पाठक ने उनके पुत्र मानवेन्द्र को शिकस्त दी थी। अरुण द्वितीय वरीयता के वोटों से जीते थे। गैप बढ़ता रहा। पारिवारिक मतभेदों के कारण अबकी मानवेन्द्र ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। पिछला चुनाव भी वह पाठक से हार गए थे। मानवेंद्र का कहना है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस परिवार के नेटवर्क का लाभ पाठक को मिल चुका है। ऐसा कुमकुम स्वरूप के कारण हो पाया। उनकी भाजपा नेताओं संग बैठकें हो चुकी है। अरुण पाठक को उनके सरल और सौम्य स्वभाव का लाभ मिलता रहा है।
समाजवादी पार्टी ने हालांकि कमलेश यादव को मैदान में उतारा है। उन्हें जातीय वोट मिल रहा है। सपा अध्यक्ष डा.इमरान का कहना है कि कमलेश यादव का प्रचार अभियान बेहतर हैं वह पाठक को टक्कर दे रहे हैं। पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के लिए लोगों को रखा है। पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं।
स्नातक सीट पर स्वरूप परिवार से आनंद स्वरूप, राय बहादुर बृजेन्द्र स्वरूप, डॉ वीरेंद्र स्वरूप, जगेंद्र स्वरूप कई टर्म एमएलसी रहे हैं। वीरेंद्र स्वरूप विधान परिषद के दो बार सभापति भी रहे हैं। तीस को मतदान व दो फरवरी को नतीजे आएंगे।