कानपुर : गंगा तट पर मचा हड़कंप , गांव के लोगों ने दी गांव छोड़ने की धमकी, जानें पूरा मामला?

0

गांव के लोगों को समझ नहीं आ रहा कि साफ सफाई और दवाई जैसी मूलभूत सुविधाओं को छोड़कर गांव में गंगा तट पर श्मशान घाट का निर्माण क्यों करवा दिया गया. 

न्यूज जंगल नेटवर्क, कानपुर : कानपुर में चौबेपुर ब्लॉक में राजारामपुर ग्राम पंचायत का बरुआ खुर्द. इस गांव के लोगों को समझ नहीं आ रहा कि साफ सफाई और दवाई जैसी मूलभूत सुविधाओं को छोड़कर गांव में गंगा तट पर श्मशान घाट का निर्माण क्यों करवा दिया गया. गंगा तट पर बसे इस गांव की आबादी महज 500 है. ऐसे में इस गांव के लोगों को साफ सफाई, स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है सरकारी सिस्टम ने पूर्व प्रधान और लेखपाल की मिलीभगत से इस गांव में शीतलईश्वर महादेव मंदिर और ज्ञानेश्वर महाराज के आश्रम के बीच में श्मशान घाट का निर्माण करवा दिया गया है. 

जब ग्रामीणों से इसकी हकीकत जानने की कोशिश की तो गांव वालों ने अपनी इस समस्या को बताने के लिए लोग इकटठा हो गये. महिलाओं ने बताया कि गंगा तट पर बना मरघट फौरन हटना चाहिए इसकी जरूरत गांव वासियों को नहीं है. इसके निर्माण से वो अपना गांव छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं. इस मामले में जब हमने कानपुर नगर की जिलाधिकारी नेहा शर्मा से पूछा कि शिकायतकर्ता ने मंत्री जी की जन चौपाल में इस मुद्दे को उठाया था, इस पर क्या कार्रवाई की जा रही है तो डीएम ने कहा कि सभी मामलों के निदान के लिए कार्रवाई की जा रही है.

इस सबके बीच सवाल ये उठ रहा है कि ग्रामीणों को जिस योजना की जरूरत नहीं थी, जिसका हर स्तर पर विरोध किया गया और जब श्मशान घाट योजना के निर्माण से दुखी ग्रामीण अपना घर छोड़ने की धमकी दे रहे हैं और उसपर बुलडोजर चलवाने की बात कहते हुए दोषियों को सजा देने की बात कह रहे हैं, बावजूद इसके उसका निर्माण क्यों जारी है. क्या वाकई ग्रामीणों को न्याय मिलेगा. कहीं ऐसा तो नहीं कि 25 लाख रुपए के बजट की बंदर बांट के लिए ग्राम प्रधान, लेखपाल और उच्च अधिकारियों ने गांव वालों पर श्मशान घाट को जबरन थोप दिया जो उनके गले की फांस बन गया है.

ये भी पढ़ें : UP: सीएम योगी आदित्यनाथ कहा- यूपी में उतारे गए 1 लाख लाउडस्पीकर, प्रदेश में कम हुआ शोर

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed