कोरोना को देखते हुए टाले भी जा सकते हैं यूपी समेत पांच राज्यों में चुनाव

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महेश शर्मा

कानपुर : पांच राज्यों में चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग दुविधा में है। हाईकोर्ट (इलाहाबाद) के जज की अपील पर सरकारी और स्वायत्तशासी महकमा गंभीर है। उनकी अपील पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि वह खुद यूपी जाकर हालात का जायजा लेकर किसी निर्णय पर पहुंचेंगे। उधर सपा सांसद प्रो.रामगोपाल यादव ने सुप्रीमकोर्ट से मांग की है कि चुनाव स्थगित कराने की सलाह देने वाले हाईकोर्ट जज पर कार्रवाई की जाए।

यादव का कहना है कि यूपी में भाजपा हार रही है। चुनाव स्थगन सत्ता दल की घबराहट का प्रमाण है।
उधर देश में ओमिक्रान के बढ़ते मामले देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है कि ग्लोबल ट्रेंड को देखें तो भारत में अगले दो-तीन हफ्ते में ओमिक्रान के मामले एक हजार तक पहुंच सकते हैं। केरल की कोविड विशेषज्ञ समिति के डा.टीएस अनीश का कहना है कि यही ट्रेंड रहा तो दो महीने में यह आंकड़ा दस लाख तक भी पहुंच सकता है। रोकने के लिए एक महीने से कम समय बचा है। आईआईटी कानपुर के प्रो.माणिंद्र अग्रवाल का कहना है कि तीसरी लहर का चरम जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के प्रथम सप्ताह तक आ सकता है। ऐसे में मार्च-अप्रैल में चुनाव होते हैं तो भयानक स्थिति हो सकती है।
ओमिक्रान संक्रमण शक्ति डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा है। यह वैरिएंट एंटीबॉडी बनने के बाद भी संक्रमित कर सकता है। आपको बता दें कि 23 दिसंबर को हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने पीएम और चुनाव आयोग से चुनाव टालने की अपील की थी। जज ने सात महीने मद्रास हाईकोर्ट के उस बयान की याद दिला दी जिसमें कहा गया था कि करोना फैलाने के लिए चुनाव आयोग पर मर्डर का केस दर्ज किया जाए तो कम है।

दो माह बाद मार्च में यूपी, गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड में चुनाव होने हैं। यूपी में तो चुनाव सभाएं, रोड शो अभी से चरम पर पहुंच गया है। बीते 45 दिनों में मोदी के दस दौरे यूपी में हो चुके हैं और उनका 11वां 28 दिसंबर को कानपुर का होगा जहां पर वह सभा भी करेंगे। इसी महीने ओमिक्रान मामलों में तेजी बढ़ी है। यह संख्या 360 से ऊपर पहुंच रही है। 25 दिसंबर तक भारत में कोरोना के 3.42 करोड़ मामले आ चुके हैं और 1.52 लाख मामले सक्रिय हैं। याद रहे कि पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद 900 फीसदी मामले बढ़े थे। दो अप्रैल 2021 को बंगाल में कोरोना के 1723 नए मामले सामने आए थे और एक भी मौत नहीं हुई। चुनाव के बाद 2 मई 2021 को नए मामलों की संख्या बढ़कर 17,515 हो गई और एक दिन में 100 लोगों की मौत हुई।

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उत्तर प्रदेश में अप्रैल 2020 में पंचायत चुनाव हुए थे। महज एक महीने में कुल चार चरणों में चुनाव कराए गए थे। इस दौरान 4 अप्रैल से 4 मई के बीच कोरोना के करीब 8 लाख नए केस यूपी में सामने आए थे। यही नहीं शिक्षकों की यूनियन ने रिपोर्ट जारी कर बताया कि करीब 700 शिक्षकों की मौत कोरोना से हुई। यूनियन ने अपने रिपोर्ट में बताया कि ये सभी टीचर्स चुनाव ड्यूटी पर गए थे। चुनाव रिजल्ट आने के बाद 99 ऐसे प्रधान उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई, जिनकी मौत इस एक महीने में हुई। ऐसे में पंचायत चुनाव के बाद की भयावह स्थिति राज्य में न बने इसके लिए ओमिक्रॉन को रोकना बेहद जरूरी है।

सरकार और इलेक्शन कमीशन के एक गलत फैसले से जनता की जान पर आफत बन सकती है। आने वाले पांच राज्यों के चुनावों में कोरोना कितना कहर बरपाएगा, इसका ठीक-ठीक अंदाजा तो किसी को भी नहीं है। एक्सपर्ट भी इस मामले में संभलकर बोल रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार को ओमिक्रॉन को रोकने के लिए सबसे पहले वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी चाहिए। वैक्सीनेशन ही देश को तीसरी लहर से बचा सकता है। ऐसे में चुनावी राज्यों में वैक्सीन की स्थिति को जानते हैं। स्वास्थ मंत्रालय के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में अब तक 12.41 करोड़ लोगों को सिंगल डोज वैक्सीन लगी है, जबकि 6.73 करोड़ लोगों को डबल डोज वैक्सीन लगी है। यूपी की कुल जनसंख्या 20.42 करोड़ है। ऐसे में यहां करीब 8 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनको सिंगल डोज वैक्सीन भी नहीं लगी है।

III-K का अनुमान, तीन फरवरी तक चरम पर पहुँच सकती है कोरोनो की तीसरी लहर

आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं एक अध्ययन के बाद ने दावा किया है कि कोविड19 की तीसरी लहर तीन फर.तक चरम पर हो सकती है। हालांकि कहा जा रहा है कि यह पूर्वानुमान इस धारणा पर आधारित है कि भारत में कोरोनावायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप से प्रभावित अनेक देशों में मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति देखने को मिलेगी। गत 21 दिसंबर को मेडआरएक्सआईवी पर डाले गये अध्ययन की अभी समीक्षा नहीं की गयी है। इसमें तीसरी लहर का पूर्वानुमान लगाने के लिए गौसियन मिक्चर मॉडल का इस्तेमाल किया गया।

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और रूस जैसे देशों से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल किया, जो पहले ही महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इन देशों में मामलों के दैनिक आंकड़ों का इस्तेमाल कर भारत में तीसरी लहर के असर और समय-सीमा का अनुमान व्यक्त किया। अध्ययन में भारत में पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों का भी इस्तेमाल किया गया है। शोधकर्ताओं ने लिखा, ‘मामले 15 दिसंबर के करीब बढ़ने शुरू हुए और तीसरी लहर का चरम तीन फरवरी, बृहस्पतिवार को होगा।’ भारत में शुक्रवार को 24 घंटे की अवधि में कोरोनावायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप के 122 मामलों का पता चला, जो अब तक एक दिन में इस स्वरूप के सर्वाधिक मामले हैं। देश में ओमीक्रॉन के अब तक 358 मामले सामने आये हैं।

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