अदालत के आदेश की अनदेखी 8 IAS को पड़ी भारी, सामुदायिक सेवा का आदेश

0

अदालत के आदेश की अनदेखी करना आंध्र प्रदेश के 8 आईएएस अधिकारियों को बहुत भारी पड़ गया. अवमानना की कार्रवाई से बचने के लिए माफी मांगनी पड़ी।

न्यूज जंगल डेस्क, कानपुर:- आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आठ आईएएस अधिकारियों को एक साल के लिए हर महीने एक बार समाज कल्याण के लिए बने छात्रावास में रहने वालों के साथ कुछ समय बिताने और छात्रों के लिए एक दावत की व्यवस्था करने के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च करने का निर्देश दिया. जिन आईएएस अधिकारियों को माफी के एवज में ये काम करने को कहा गया है, उनमें गोपाल कृष्ण द्विवेदी, एम. गिरिजा शंकर, बी. राजशेखर, वी. चिन्ना वीरा भाद्रुडू, जे. श्यामला राव, वाई. श्री लक्ष्मी, जी. विजय कुमार और एम.एम. नाइक शामिल हैं. उन्हें रिकॉर्ड रखने के लिए रजिस्ट्रार (न्यायिक) को हर महीने छात्रावास के अपने दौरे की तस्वीरें भेजने के लिए कहा गया है.

न्यायमूर्ति बट्टू देवानंद की एकल-न्यायाधीश पीठ ने इससे पहले अदालत की अवमानना मामले में अधिकारियों को दो सप्ताह के साधारण कारावास और हर एक को 1,000 रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई थी. बहरहाल अधिकारियों ने अदालत से बिना शर्त माफी मांगी, जिसके बाद उन्हें सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया गया. न्यायमूर्ति देवानंद ने 2020 में विशाखापत्तनम जिले के चेडीकड़ा मंडल के थिरुवोलू में मंडल प्रजा परिषद प्राथमिक विद्यालय के माता-पिता और छात्रों द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करने के दौरान ये आदेश दिया. याचिकाकर्ताओं ने अपील में कहा था कि स्कूल परिसर में एक ग्राम सचिवालय बनाया जा रहा है, जिससे स्कूल का माहौल खराब होगा.

अदालत ने 11 जून, 2020 को एक अंतरिम आदेश में अफसरों को स्कूल में कोई निर्माण गतिविधि नहीं करने का निर्देश दिया था. इसके बाद लोगों की ओर से कुछ और याचिकाएं दायर की गईं, जिनमें आरोप लगाया गया था कि अधिकारी निर्माण की गतिविधि जारी रखे हुए हैं. अदालत का आदेश जारी होने के एक साल बाद भी अधिकारियों ने अपना जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री को अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया. अधिकारियों ने तब कई तरह का हलफनामा दायर किया. कुछ ने दावा किया कि उन्होंने निर्देश जारी किए थे कि पूरे राज्य में निर्माण रोक दिया जाए और अन्य अफसरों ने अधिकार क्षेत्र के मुद्दों का जिक्र किया.

ये भी पढ़ें: 2024 में भारत को मिल सकती है ट्यूबरकुलोसिस या टीबी की प्रभावी वैक्‍सीन.

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *