दिल्ली के बॉर्डर पर महापंचायत में जुटे सैकड़ों किसान, जाने टिकैत का बयान

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आंदोलन के प्रमुख चेहरे राकेश टिकैत अब भी अड़े हुए हैं. टिकैत ने कहा कि जब तक MSP की गारंटी देने वाला कानून नहीं आता, मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिलता पीछे नहीं हटेंगे.

न्यूज जगंल डेस्क, कानपुर : किसान आंदोलन को आज एक साल पूरा हो चुका है. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के एक साल पूरा होने पर किसान बड़ी संख्या में गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर इकट्ठा हुए. हरियाणा के बहादुरगढ़ में तीन कृषि कानूनों के विरोध की पहली बरसी पर किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ किया. इस मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार नहीं है और बिना सरकार से बातचीत के आंदोलन खत्म करने का प्लान नहीं.

किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, अभी तो आंदोलन चल रहा है. केंद्र सरकार अगर बातचीत करेगी तो आगे का समाधान निकलेगा, वे बात ही नहीं करना चाहते हैं. बिना बात के कैसे समाधान निकलेगा.

क्या है अब किसानों की मांग
एबीपी न्यूज से खास बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, जब तक एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून नहीं आता, आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिलता पीछे नहीं हटेंगे. 750 किसानों की मौत हुई उसकी जिम्मेदारी, एमएसपी पर गारंटी कानून, अजय टेनी और किसानों पर मुकदमे, इन चार सवालों का जवाब दे सरकार. एमएसपी पर गारंटी कानून बने ये मांग है हमारी. क्या पता दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड क्यों लगाए हैं. हम ट्रैक्टर रैली निकालेंगे, 29 नवंबर को यहां से 30 ट्रैक्टर जाएंगे. 

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पंजाब में कई जगहों पर आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के लिए श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया है. बता दें कि, 
किसान MSP को कानून बनाने की मांग पर अड़े हैं. इसके अलावा प्रदूषण के लिए किसानों पर कार्रवाई ना करने की मांग भी हो रही है. किसानों की जुटती भीड़ के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने का दावा किया है. 

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