स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री ने 10 मिनट में किया कानपुर का दौरा

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न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर शहर में मंगलवार शाम को योगी सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इस मौके पर उनके साथ उच्च शिक्षा विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की राज्यमंत्री नीलिमा कटियार और प्रमुख शिक्षा सचिव आलोक कुमार मौजूद रहे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना शायद जल्दी में थे तभी उन्होंने आठ से 10 मिनट के अंदर ही अपना दौरा ख़त्म कर दिया। अपने दौरे में उन्होंने गणेश शंकर विद्यार्थी की मूर्ति पर पुष्पांजलि जरूर अर्पित की। भले ही प्रधानमंत्री मोदी कानपुर जीका के मरीज को लेकर फ़िक्रमंद हो, लेकिन ज़िम्मेदार प्रदेश के मंत्री को इस विषय पर मरीजों की सुध लेने की भी जरूरत नही समझी।

जीका वायरस का जिक्र तक नहीं और नाही कोई अपडेट लिया…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जीका वायरस के जिक्र किये जाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय ने अपनी एक टीम को कानपुर रवाना किया था। जिसे प्रदेश की स्वास्थ मंत्रालय के साथ काम करना था। सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के आने से शहर वासियों को कई उम्मीदें थी कि वह इसके ऊपर कोई अपडेट दे कर मरीज की हो रहे इलाज के बारे में बात करेंगे या जीका वायरस को कैसे हैंडल किया जाएगा उस पर कुछ बोलेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी मंत्री जी ने नहीं किया। वह मेडिकल कॉलेज से सीधे मोतीझील में मेगा क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निकल गए।

डेंगू से हो रही मौतें के बारे में कोई चर्चा नहीं…
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना शहर आये तो लेकिन यहां पर उन्होंने किसी भी सुविधा के बारे में ना तो पूछा और नाही किसी डॉक्टर से जाना। सिर्फ खानापूर्ति करके चलते बने।

मंत्री जी ने निपटाया लोकार्पण का काम दो मिनट में….
दरअसल हैलट अस्पताल में नए बने ओटी और पैथोलॉजी का उद्घाटन दोनों मंत्रियों को एक साथ करना था। लेकिन सुरेश खन्ना जी इतनी जल्दी में थे कि उन्होंने सिर्फ ओटी का लोकार्पण किया और वहां से चलते बने। उनके जाने के बाद नीलिमा कटियार ने पैथोलॉजी का लोकार्पण किया।

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दवाओं पर साधी चुप्पी…
मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट समेत सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं के संकट के बारे में जब मंत्री जी से पूछा तो वह इस सवाल पर चुप्पी साध गए। आपको बता दें हैलट और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अन्य अस्पतालों में पिछले एक महीने से ज्यादा से दवाइयों की किल्लत से जूझ रहे है लेकिन इसकी सुध लेने वाला शायद योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में कोई नहीं है।

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