रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में सोना तप रहा है. दुनियाभर के निवेशक युद्ध से
News Jungal Desk Kanpur : – आपको बताते चलें की रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में सोना तप रहा है और दुनियाभर के निवेशक युद्ध से उपजे पीड़ा और महंगाई के दबाव से दुखी हैं. उन्हें सेफ हैवन के रूप में सिर्फ सोना ही दिखाई दे रहा है और यही परेशानी है कि साल 2022 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में सोने की मांग 34 फीसदी बढ़ गई है.
विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) ने बृहस्पतिवार को जारी कि सालाना आधार पर पहली तिमाही में सोने की खपत 34 फीसदी बढ़ी है. यह 2018 की आखिरी तिमाही के बाद सबसे ज्यादा रहा. इसकी प्रमुख वजह रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से उपजा संकट और बढ़ती महंगाई है. यही कारण है कि पिछले कुछ समय में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल भी दिखा है.
ETF की मांग सबसे ज्यादा
निवेशक सोने को सेफ हैवन के रूप में देख जरूर रहे हैं, लेकिन इस बार फिजिकल सोना खरीदने के बजाए सोना आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs) पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं. ETF की मांग बढ़ने के कारण ही पहली तिमाही में 1,234 टन सोने की मांग रही. यह साल 2018 के तीन महीने में हुई खरीद के बाद सबसे ज्यादा है आपको यह भी पता हो की इस साल की पहली तिमाही में हुई सोने की खरीद पिछले पांच साल की औसत खरीद से भी ज्यादा रही. पिछले पांच साल में पहली तीन महीने के दौरान सोने की औसत खरीद 1,039 टन रही है. Gold ETF में साल 2020 की तीसरी तीन महीने के बाद सबसे ज्यादा निवेश किया गया है.
सिक्के और बार की खरीद घटी
WGC के अनुसार, इस साल की पहली तिमाही के दौरान छोटे बार और सिक्कों से निवेशकों का मोहभंग दिखा. इन दोनों की खरीद में 20 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है. इसकी वजह चीन में दोबारा कोविड-19 संक्रमण बढ़ने से लॉकडाउन का लगना और टर्की में रिकॉर्ड स्तर पर कीमत का पहुंचना रहा है
इसके अलावा सोने के आभूषणों की मांग में भी कमी आई है.आपको यही भी पता होना चाहिए जनवरी-मार्च के दौरान यह 7 फीसदी घट गया है तभी सबसे ज्यादा गिरावट चीन और भारत के बाजार में आई है हालांकि, की आपको पता होने चाहिए की इसी अवधि में भारतीय रिजर्व बैंक ने सोने की खरीद घटा दी.है और आरबीआई ने पहली तीन महीने में महज 84 टन सोना खरीदा जो पिछले साल की पहली तीन महीने से 29 फीसदी कम है, लेकिन 2021 की आखिरी तीन महीने के मुकाबले दोगुना है………
आपको पता होने चाहिए की ग्राहक नहीं लेकिन निवेशक लगाएंगे जमकर दांव विश्व स्वर्ण परिषद ने कहा है यह कि सोने को लेकर विचारधीन का माहौल तब तक बरकरार रहेगा,क्युकी आपको यह भी पता होने चाहिए की जब तक रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का कोई हल नहीं निकल जा सकता है हालांकि,की आपको बता दें की 2022 में सोने में निवेश जारी रहेगा, लेकिन महंगाई और ज्यादा कीमत की वजह से आभूषणों की खरीद करने वाले ग्राहक अपने हाथ पीछे खींच सकते हैं.