दिल्ली के इन 5 दुर्गा मंदिरों में दर्शन करने से पूरी होगी हर मुराद 

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अगर आप देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं और आप माता के दरबार में उनके दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं हम आपको माता के उन मंदिरों के बारें में बताने जा रहे हैं जिनके दर्शन करने से दूर होंगी हर समस्या

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा होती है। नवरात्रि के समय लोगों के अंदर एक अलग ही तरह का उत्साह दिखाई देता है। अगर आप देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं या उसके आस पास तो आप माता के दरबार में उनके दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं। तो आज हम आपको दिल्ली के उन मशहूर और सिद्ध मंदिरों के बारे बता रहे हैं। जहां दर्शन करने के बाद आपकी सारी मुरादें पूरी हो जाएंगी।

कालकाजी मंदिर- दिल्ली के दक्षिणी इलाके में स्थित कालकाजी मंदिर मां काली को समर्पित है। इस मंदिर का इतिहास 3 हजार वर्ष पुराना है। देवी का यह मंदिर काले पुमिस पत्थर और संगमरमर से बना हुआ है। कालकाजी मंदिर ,अरावली पर्वतमाला के सूर्यकूट पर्वत पर स्थित है। कालकाजी मंदिर को जयंती पीठ मनोकामना सिद्ध पीठ के नाम से भी जाना जाता है। जिसका अर्थ है सभी की मनोकामना पूरी करने वाली देवी।

झंडेवाला मंदिर- यह माता रानी का दिल्ली में सबसे सुप्रसिद्ध मंदिर है। नवरात्र में यहां मां के दर्शन के लिए लाखों भक्तजन रोजाना आते हैं। मंदिर की खुदाई के वक्त यहां सबसे पहले एक झंडा मिला था। जिसके कारन से इस मंदिर का नाम झंडेवाला मंदिर पड़ा ।

छत्तरपुर मंदिर-  नवरात्र में माता के दर्शन करने के लिए यहां हजारों की संख्या में भक्तगण रोजाना आते हैं। यह मां कात्यायनी का मुख्य मंदिर है। इस मंदिर के कपाट सिर्फ नवरात्रि में ही खोले जाते हैं। इस मंदिर में मां के श्रृंगार के लिए हरे रंग के फूलों से बनी मालाएं खासतौर से दक्षिण भारत से मंगवाई जाती है।

श्री शीतला माता मंदिर- मां शीतला देवी का यह मंदिर करीब 400 साल पुराना मन्दिर है। लोगों की मान्यता है कि इस मंदिर में साक्षात देवी का वास रहता हैं। इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से चेचक खसरा और नेत्र रोग जैसी समस्याएं हमेशा के लिए खत्म हो जाती है।

काली मंदिर- इस मंदिर में मां काली की प्रतिमा बनी है। चितरंजन पार्क के पास मौजूद इस मंदिर में सैकड़ों भक्तगण रोजाना माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।

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