यूपी में गंगा समेत अन्य नदियों में मछलियां पकड़ने पर लगा दी गई रोक

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न्यूज जंगल नेटवर्क, कानपुर : जून की शुरुआत के साथ ही गंगा और यूपी में बहने वाली अन्य नदियों में मछलियों के पकड़ने और उनके शिकार पर रोक लगा दी गई है। ये प्रतिबंध 1 जून से 31 अगस्त तक लागू रहेगा। इस दौरान अगर कोई भी नदियों में मछली पकड़ता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम नेहा शर्मा ने मंगलवार को इसके आदेश जारी किए।

आखिर क्यों लगाई गई है रोक
डीएम ने बताया कि यूपी शासनादेश के क्रम में ये आदेश जारी किए गए हैं। कानपुर नगर के अंतर्गत बहने वाली गंगा और पांडु नदी में मछलियां पकड़ने पर रोक लगाई गई है। क्योंकि 15 जून से 30 जुलाई तक मत्स्य प्रजनन का समय होता है। यूपी मत्स्य (विकास एवं नियंत्रण) नियमावली 1954 के नियम 3-ए के तहत गंगा नदी बिठूर, कानपुर से संगम (प्रयागराज) तक मत्स्य बीज और मछली शिकारमाही पर प्रतिबंध लगाया गया है।

जानें किन मछलियों के पकड़ने पर भी रोक
गंगा में 15 जुलाई से 30 सितम्बर के बीच फ्राई और फिंगरलिंग मछलियों को पकड़ने, नष्ट करने और बेचने पर भी बैना लगाया गया है। बता दें कि मई महीने की शुरुआत में ही गंगा किनारे स्थित हर जिले में 50 लाख से ज्यादा फिंगरलिंग मछलियां प्रवाहित की गई हैं। ये मछलियां गंगा में अशुद्धियों को खाती हैं और नदी का ईकोसिस्टम ठीक करती हैं। ये मछलियां इस अवधि में तेजी से बढ़ती हैं।

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गंगा किनारे रहने वाले बस्तियों के लोग बड़ी संख्या में करते है शिकार
गंगा किनारे रहने वाले बस्तियों के लोग बड़ी संख्या में मछलियों का शिकार करते हैं। इसके अलावा मछुआरे भी गंगा की बीच धारा में जाल डालकर अवैध रूप से शिकार करते हैं। मछलियों के अधिक संख्या में शिकार किए जाने से नदियों में बाहर से मछलियां डालनी पड़ रही हैं। इस पर प्रजनन माह के दौरान बैन लगाया गया है।

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