जौहर यूनिवर्सिटी में आजम खान ने 6 विभागों से लगाए थे 106 करोड़ रुपये, ED की हो सकती है एंट्री, बढ़ेगी टेंशन

 रामपुर में बानी आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में है. कैबिनेट मंत्री रहते हुए आजम खान के अधीन काम करने वाले अधिकारियों ने 6 सरकारी बिभागों के बजट का पैसा जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में लगा दिया. बताया जा रहा है कि करीब 106 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से दिए गए है

News Jungal Desk : समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की श्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं । और अभी हाल में ही हुए इनकम टैक्स की रेड में खुलासा हुआ है कि कैबिनेट मंत्री रहते हुए आजम खान के अधीन काम करने वाले आईएएस अफसरों और इंजीनियरों ने नियम को ताक पर रखते हुए जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में 6 सरकारी विभागों के बजट को खर्च कर दिया है । सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक छह सरकारी विभागों ने यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए करीब 106 करोड़ रुपए जारी किए थे । और मामला सामने आने के बाद सरकारी धन खर्च होने की जांच ईडी भी कर सकती है ।

सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों आजम के घर और जौहर यूनिवर्सिटी पर आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान टीम को जो कागजात बरामद हुए, इसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि यूनिवर्सिटी के निर्माण में 6 विभागों ने अपने बजट का लगभग 106 करोड़ रुपए खर्च किये. इसमें सी एंड डीएस ने 35 करोड़ 90 लाख रुपए, पीडब्ल्यूडी ने 17 करोड़ 16 लाख रुपए, जल निगम ने 53 करोड़ 56 लाख रुपए जारी किए थे. इसके अलावा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण और संस्कृति विभाग ने भी निर्माण के लिए रकम दी थी. नियमों के खिलाफ जौहर यूनिवर्सिटी निर्माण में सरकारी धन खर्च होने की जांच अब ईडी कर सकती है.

दरअसल, आयकर विभाग को मिली इस जानकारी के बाद संबंधित विभागों से आख्या मांगी गई है कि आदेश के तहत सरकारी खजाने से इतनी बड़ी रकम एक निजी यूनिवर्सिटी के निर्माण में लगा दी. इसके साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग का केस देखते हुए इसकी जांच अब ईडी को सौंप दी है. गौरतलब है कि इनकम टैक्स विभाग ने 13 सितम्बर को आजम खान के घर, जौहर यूनिवर्सिटी और उनके करीबियों के यहां एक साथ छापेमारी की थी. इस मामले में बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने कहा कि यह सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग का केस नहीं भ्रष्टाचार का बड़ा मामला है. इसमें कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने सरकारी खजाने में सेंधमारी करते हुए एक निजी यूनिवर्सिटी के निर्माण में पैसा खर्च किया ।

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