अजित पवार ने चाचा से पैर छूकर मांगी माफी, मगर एक शब्द भी नहीं बोले शरद पवार, जानें NCP दफ्तर में क्या-क्या हुआ

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने गुट में शामिल कई अन्य मंत्रियों के साथ मुंबई में रविवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की थी. एनसीपी के दोफाड़ होने के बाद अजित पवार गुट और शरद पवार के बीच यह पहली बैठक थी. इसके पहले अजित अपने चाचा (शरद) के खिलाफ बगावत करके दो जुलाई को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे.

News jungal desk:बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक और महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दस शीर्ष नेता रविवार दोपहर को शरद पवार के कार्यालय में अघोषित रूप से पहुंचे थे । जिससे हर कोई हैरान रह गया । और इनमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार और वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल भी शामिल थे । इस बैठक से महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलें तेज हो गईं क्योंकि यह बैठक अजित पवार द्वारा शरद पवार के बजाय खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करने के कुछ ही दिनों बाद हुई थी ।

प्रफुल्ल पटेल ने बैठक के तुरंत बाद मीडिया से कहा, ‘हमने उनका आशीर्वाद मांगा और पार्टी को एकजुट रखने के लिए उनसे मार्गदर्शन देने को कहा, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला.’ बंगले में मौजूद एक एनसीपी नेता ने कहा, ‘हमें कोई अंदाज़ा नहीं था कि ऐसा होगा. सभी नौ मंत्री और प्रफुल्ल भाई देवगिरी (अजित पवार का बंगला) में एक बैठक में थे. वे अचानक उठे और अपनी सुरक्षा एवं कर्मचारियों को छोड़कर तीन कारों में चले गए ।

बैठक में मौजूद सूत्रों से पता चला कि मंत्रियों ने कथित माफी का कोई कारण बताए बिना, शरद पवार से माफी मांगी. हालांकि, बातचीत के दौरान पवार बिल्कुल चुप रहे. शरद पवार के करीबी सूत्रों ने कहा, ‘अब जब सर्वेक्षण भी दिखाते हैं कि जनता का समर्थन शरद पवार के पीछे है, तो वे (अजित पवार गुट) डरे हुए हैं. वे लोगों के मन में भ्रम पैदा करना चाहते हैं. यह एक हताश कोशिश है, जो सफल नहीं होगा. पवार साहब की कृपा थी कि वे उनसे मिलने के लिए सहमत हो गए, लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला

एनसीपी नेता ने आगे दावा किया कि यह विपक्षी एकता के संबंध में कलह पैदा करने का एक प्रयास भी हो सकता है । और विपक्ष दलों की बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली है । एनसीपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने एक ट्वीट में कहा, ‘महाराष्ट्र के लोगों से मिल रहे भारी समर्थन को देखने के बाद टूटे हुए एनसीपी समूह को अचानक शरद पवार साहब की याद आ गई. आज की यात्रा लोगों को यह दिखाने का एक असफल प्रयास था कि वे अभी भी संपर्क में हैं, लेकिन ये निर्विवाद सत्य को नहीं बदल सकती ।

बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘बैठक में क्या चर्चा हुई, इसकी हमें जानकारी नहीं है. शरद पवार हमेशा सभी से मिलते हैं… उन्हें (अजित पवार गुट के मंत्रियों को) अब लगता है कि उन्होंने जो किया वह गलत था और जनता इसे स्वीकार नहीं करती है, इसलिए वे यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे अभी भी शरद पवार के साथ हैं… अब कुछ नहीं बदल सकता. उन्होंने जो किया वह गलत था.’

भले ही इस बात का कोई जवाब नहीं था कि शरद पवार ने अजित गुट से मिलने से इनकार क्यों नहीं किया, एनसीपी प्रवक्ता महेश तापसे ने एक ट्वीट में कहा, ‘जो लोग आज पवार साहब के सामने घुटनों पर आए, वे वही लोग हैं जिन्होंने 30 जून को चुनाव आयोग से कहा कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हैं. महाराष्ट्र इसे कभी नहीं भूलेगा ।

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