सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय के विवादित बयान के बाद कांग्रेस का बड़बोले नेताओं को मुंह बंद रखने की दी नसीहत

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Surgical Strike Remarks: कांग्रेस ये जानती है कि आने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कई मुद्दे और विवाद आने वाले हैं। बीते दिनों सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह, संजय निरुपम, प्रमोद कृष्णम, मणिशंकर अय्यर, शशि थरूर जैसे नेता अक्सर अपने बयानों से पार्टी की फजीहत करवाते रहे हैं।

News Jungal Political Desk: सर्जिकल स्ट्राइक’ को लेकर दिग्विजय सिंह के बयान से मचे बवाल के बाद कांग्रेस ने अपने नेताओं को मुंह बंद रखने की सलाह दी है। पार्टी नेतृत्व ने बड़बोले नेताओं को पार्टी लाइन से अलग न बोलने की बात की है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने हिंदुत्व, धर्म, राष्ट्रवाद और सेना जैसे मुद्दों पर पार्टी की राय से अलग बोलने वाले नेताओं को इस बार चेतावनी भी दी है। कहावत है कि दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है, तो कुछ यही हाल आजकल कांग्रेस का भी है। दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगा, तो सियासी हलकों में बीजेपी के हमले से खलबली मच गई है।

बड़बोले नेताओं पर इस बार हो सकती है सख्त है कार्यवाई

आनन-फानन में खुद राहुल गांधी को सामने आकर दिग्विजय सिंह के बयान को खारिज करना पड़ा है। अब आगे ऐसा न हो इसलिए पार्टी ने बयानवीर नेताओं को कुछ खास मुद्दों पर पार्टी लाइन से अलग न बोलने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने इन नेताओं को हिंदुत्व, धर्म, सेना, राष्ट्रवाद, पाकिस्तान, राम मंदिर, मथुरा जैसे मामलों में पार्टी की राय का इंतजार करने और उसके आने के बाद ही कुछ भी बोलने को कहा है।

कांग्रेस ये जानती है कि आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कई मुद्दे और विवाद उसके सामने आने वाले हैं। सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह, संजय निरुपम, प्रमोद कृष्णम, मणिशंकर अय्यर, शशि थरूर जैसे कई बड़े नेता अक्सर अपने बयानों से पार्टी की फजीहत करवाते हैं। ये नेता पार्टी लाइन का इंतजार किए बिना ही मीडिया में विवादित बयान दे देते हैं।

इस बार पार्टी ने ऐसे नेताओं से स्पष्ट कह दिया है कि पार्टी के मीडिया विभाग द्वारा किसी भी मुद्दे पर राय को अंतिम रूप दे दिए जाने के बाद ही उसे बोलें न की अपनी सोच के हिसाब से। वैसे तो ऐसी नसीहत कई बार पहले भी दी जा चुकी है, लेकिन कई नेता इसे मानते नहीं है। अतः पार्टी इस बार सख्त रुख अपनाने के मूड में है।

आखिर क्या बोला था दिग्विजय सिंह ने
दिग्विजय सिंह ने 23 जनवरी को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ पर सवाल उठाया था और सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए, सिंह ने आरोप लगाया कि सीआरपीएफ के कर्मियों को हवाई मार्ग से श्रीनगर से दिल्ली भेजने के बल के अनुरोध पर सरकार सहमत नहीं हुई थी और 2019 में पुलवामा में एक आतंकी हमले में 40 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, “वे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की बात करते हैं और वे कई लोगों को मारने की भी बात करते हैं, लेकिन कोई सबूत नहीं दिया है। वे झूठ के पुलिंदों के सहारे देश में शासन कर रहे हैं।”

हालांकि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ पर पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की टिप्पणियों को ‘हास्यास्पद’ करार देते हुए कहा कि सशस्त्र बल ‘असाधारण रूप से अच्छा’ काम कर रहे हैं और उन्हें कोई भी सबूत दिखाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी दिग्विजय सिंह के बयान से पूरी तरह से असहमत है।

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