आखिर कौन हैं, मार्गरेट अल्वा और कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर…

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विपक्ष की तरफ से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मार्गरेटअल्वा के नाम की घोषणा की. मार्गरेट अल्वा कर्नाटक की रहने वाली है और वे गुजरात, राजस्थान, गोवा और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. आइए जानते हैं कि कौन हैं मार्गरेट अल्वा और कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर

News Jungal Media,Pvt .Ltd :-–भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शनिवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ को एनडीए का उम्मीदवार घोषित किया गया था. अब एक दिन बाद आज रविवार को विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया गया है आपको बता दें कि. विपक्ष की तरफ से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मार्गरेटअल्वा के नाम की घोषणा की. मार्गरेट अल्वा कर्नाटक की रहने वाली है और वे गुजरात, राजस्थान, गोवा और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं.

आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं मार्गरेट अल्वा और कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर…

कर्नाटक में हुआ जन्म, पति की बीमारी से हुई मौत
बता दें कि मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मेंगलोर में हुआ था. उनकी पढ़ाई बेंगलुरु में हुई थी. 24 मई 1964 में उनकी शादी निरंजन अल्वा से हुई थी. 80 साल की अल्वा की एक बेटी और 3 बेटे हैं. उनके पति की 2018 में बीमारी की वजह से मौत हो गई थी.

1974 में पहली बार राज्यसभा पहुंची
मार्गरेट अल्वा पहली बार 1974 में राज्यसभा पहुंची थी. अल्वा ने छह छह साल के चार कार्यकाल पूरे किए. इस दौरान उन्होंने अलग अलग मंत्रालयों की समितियों में भी शामिल किया गया बता दें कि कांग्रेस ने उन्हें 1975 में पार्टी का महासचिव नियुक्त किया था. अल्वा राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं.

राजीव गांधी सरकार में रहीं कैबिनेट मंत्री
राजीव गांधी की सरकार में संसदीय कार्य और युवा विभाग की मंत्री रहीं तो वहीं नरसिम्हा राव की सरकार में वे पब्लिक और पेंशन विभाग की मंत्री रहीं. मार्गरेट अल्वा उस समय 42 वर्ष की उम्र में पहली बार कैबिनेट मंत्री बनी थीं. राज्यसभा के कार्यकाल के बाद वे 1999 में लोकसभा पहुंची.

पार्टी पर लगाया बड़ा आरोप
बता दें कि 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान मार्गरेट अल्वा ने कांग्रेस पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था जिसके बाद पार्टी ने उन्हें महासचिव के पद से हटा दिया था. हालांकि गांधी परिवार से नजदीकी रिश्ते होने की वजह से उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया था

अपने राजनीतिक सफर में अल्वा कैबिनट मंत्री के साथ साथ गुजरात, राजस्थान, गोवा और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. अल्वा उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल रही हैं. वे 2009 से 2012 तक उत्तराखंड की राज्यापल थीं. इसके बाद वे 2012 से 2014 तक राजस्थान की राज्यपाल रही हैं. इसी समय उन्हें गुजरात और गोवा का भी प्रभार मिला हुआ था

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