पीडब्ल्यूडी में करीब 60 तबादले होंगे रद्द,योगी सरकार ने लिया एक्शन

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 न्यूज जंगल डेस्क कानपुर:-उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर नीति के खिलाफ जाकर लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी में किए गए तबादले अब रद्द होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक्शन के बाद पीडब्ल्यूडी में 60 से अधिक इंजीनियरों के तबादले रद्द होंगे, इस बाबत विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद ने जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद निर्देश दे दिए. माना जा रहा है कि ट्रांसफर नीति का उल्लंघन करने वालों पर गाज भी गिरेगी.

पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने निर्देश दिया कि एक ही जिले में सालों से जमे इंजीनियर हटाए जाएंगे और पीडब्ल्यूडी में मुख्यालय की संबद्धता में लापरवाही पर भी कार्रवाई होगी. बता दें कि लोक निर्माण विभाग में तबादलों को लेकर पीडब्ल्यूडी के 5 अफसरों पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक सप्ताह पहले विभाग में अधिकारियों के तबादलों में अनियमितताओं को लेकर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पांच अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर निलंबित कर दिया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर विभाग के प्रधान अभियंता मनोज कुमार गुप्ता सहित पांच अधिकारियों को अनियमितता पर निलंबित कर दिया गया.

क्यों हुई कार्रवाई
पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ यह कार्रवाई तब की गई, जब स्थानांतरण नीति का पालन न करने और अनियमितताओं को लेकर विवाद हुआ था, जिसके कारण 18 जुलाई को विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) अनिल कुमार पांडे को भी हटा दिया गया था.

किस-किस के खिलाफ हुआ है एक्शन
प्रधान अभियंता (विकास) और विभागीय प्रमुख मनोज कुमार गुप्ता, प्रधान अभियंता (परियोजना एवं नियोजन) राकेश कुमार सक्सेना और सीनियर स्टाफ अधिकारी शैलेंद्र कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इतना ही नहीं, प्रशासनिक अधिकारी पंकज दीक्षित और प्रमुख सहायक संजय कुमार चौरसिया को भी निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच शुरू कर दी गई है.

रिपोर्ट आने पर एक्शन
लोक निर्माण विभाग में चालू स्थानांतरण सत्र में गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद आदित्यनाथ ने कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की थी. समिति ने 16 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और इसके निष्कर्षों के आधार पर मुख्यमंत्री ने इन कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए थे. बताया जा रहा है कि विभाग में 150 से अधिक तबादले किये गये हैं और वे ‘मनमाने’ लगते हैं. कुछ अभियंताओं को दो पद दिये गये हैं जबकि कुछ मामलों में एक से अधिक अधिकारियों को एक पद पर तैनात किया गया है.

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