हार गया 23 साल का अली जिंदगी की जंग ,पोस्टमार्टम के बाद अन्तिम संस्कार की कराई गई वीडियोग्राफी ।
कानपुर के चिड़ियाघर अली नाम के तेंदुए की तबीयत 5 दिन पहले कुछ ज्यादा ही खराब हो गयी पहले 4 दिनों तक खाना छोड़ दिया और फिर अली कोमा में चला गया चिड़ियाघर प्रशासन ने मथुरा के वेटरनरी विश्वविद्यालय वह बरेली के आई वी आर आई के विशेषज्ञ को बुलाया लेकिन तेंदुआ अली जिंदगी की जंग हार गया और उसकी मौत हो ।
न्यूज जंगल डेस्क कानपुर:—वर्ष 2001 में अलीगढ़ में तेंदुए को रेस्क्यू कर कानपुर के चिड़ियाघर लाया गया था 24 मई की घटना जिसमें 6 घंटे की मशक्कत के बाद टीम को सफलता मिली थी और तेंदुए को पकड़ा गया था इस तेंदुए ने कई लोगों को घायल भी किया था कानपुर चिड़ियाघर के तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरके द्विवेदी ने इसे चिड़ियाघर में रखा और इसका नाम अलीगढ़ के से लाए जाने की वजह से अली रखा गया तब से यह कानपुर की चिड़ियाघर की शान बन गया था लेकिन पिछले 6 दिनों से अली तबीयत बिगड़ती चली गयी तेंदुए अली के लीवर किडनी और खून में संक्रमण हो गया था 3 दिन पहले तेंदुवा कोमा में भी चला गया था जिसकी वजह से उसकी 6 दिन की बीमारी के बाद मौत हो गई ।
चिड़ियाघर के अस्पताल में भर्ती तेंदुए अली की हालात में सुधार नहीं हुआ कई जांचों के बाद और मेरठ से व बरेली से आए चिकित्सा की देखरेख के बावजूद अली ने दम तोड़ दिया तेंदुए की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें मालूम हुआ कि किडनी व लीवर पूरी तरह से डैमेज हो चुके थे तेंदुए अली का अंतिम संस्कार कराया गया और चिड़ियाघर प्रशासन ने उसकी वीडियोग्राफी भी कराई ।
जू प्रशासन के कीपर दीपक और करन तेंदुए अली की मौत से काफी दुखी हैं क्योंकि 21 साल से लगातार वह अली की देखरेख कर रहे थे और अली की उम्र अब 23 साल हो चुकी थी चिड़ियाघर प्रशासन के डॉक्टरों ने बताया कि तेंदुए की औसत उम्र 16 साल होती है लेकिन अली अपनी औसत आयु पूरी कर चुका था इसलिए उसके शरीर के अंग फेल हो गए ।
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