15 साल की बेटी भारत के लिए स्वर्ण जीतने के बाद निकले खुशी के आशू

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वूशु स्टार चैंपियनशिप: भारत के लिए स्वर्ण जीतकर फूट-फूटकर रोई पत्रकार की 15 साल की बेटी, पीएम मोदी से मिलने का सपना

PM Modi congratulates Sadia for winning Gold at Moscow Wushu Stars  Championship

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर – सादिया तारिक फाइनल बाउट जीत चुकी थीं फिर भी उन्हें विश्वास नहीं था कि वह वूशु में स्वर्ण जीतने वाली देश की दूसरी कश्मीरी बेटी बन गई हैं। कोच पास में आए और उन्हें गले लगाया तो वह फूट-फूटकर रोने लगी हैं। 15 साल की सादिया ने मास्को से

सादिया तीन साल की थीं जब उनके पिता तारिक अहमद लोन और मां माइमोना उन्हें ताईक्वांडो में डाला। माता-पिता चाहते थे कि उनकी बेटी एक दिन देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले, लेकिन थोड़े दिन बाद उन्हें वूशु अच्छा लगा तो उन्होंने इसे अपना लिया। 

सादिया के मुताबिक बीते कुछ सालों में श्रीनगर में पनपे हालातों और कोरोना के कारण उनकी तैयारियां बंद हो गई थीं। वह अकादमी में ट्रेनिंग के लिए नहीं जा पाती थीं। लगा कि वह कभी खेल भी पाएंगी या नहीं, लेकिन माता-पिता, उनकेकोच रमीज और राष्ट्रीय कोच कुलदीप हांडू उनका हौसला बढ़ाते रहे।

हालातों से लगा अब नही खेल पाउँगी

अकादमी बंद थी तो सादिया ने घर पर ही प्रैक्टिस की। उनका ऑन लाइन प्रशिक्षण शुरू कराया गया। उनसे पहले 2020 में कश्मीर की मुनाजा गाजी ने इसी चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली कश्मीरी महिला खिलाड़ी बनी थीं

मां बोली जल्दी आ जा तेरा चेहरा देखना है
सादिया बताती हैं कि कश्मीर के बच्चों में वूशु को लेकर बेहद प्यार है। उनकी अकादमी में 50 के करीब बच्चे रहते थे। उन्हें सफलता मिली है लेकिन उन्हें रुकना अब नहीं है। वह चाहती हैं कि उनकी इस सफलता से प्रेरित होकर दूसरे कश्मीरी बच्चे भी आगे आएं।

सादिया यही अपील करती हैं कि कश्मीर में अगर एक मल्टीपरपरज हॉल उपलब्ध करा दिया जाए तो वहां खेलों को लेकर क्रांति आएगी। सादिया ने स्वर्ण जीतने केबाद माता-पिता से बात की तो उन्होंने यही कहा कि बस जल्दी से आ जा तुम्हारा चेहरा देखना है।

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