राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के नाम के ऐलान के साथ ही होने लगा खेल, कैसे यशंवत सिन्हा होंगे फेल

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राष्ट्रपति चुनाव में इस वक्त रेस में मुर्मू काफी आगे चल रही हैं। हालांकि एनडीए के पास अभी बहुमत नहीं है। उधर, महाराष्ट्र में गड़बड़ाए राजनीतिक गणित के चलते यशवंत सिन्हा की संभावनाएं कम लग रही हैं।

न्यूज़ जंगल डेस्क कानपुर:- राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के बीच चुनाव होना है। 24 जुलाई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनके कार्यकाल पूरा होने से पहले ही देश को नया महामहिम मिल जाएगा। भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है। उधर, विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा का नाम फाइनल किया है। राष्ट्रपति चुनाव में इस वक्त रेस में मुर्मू काफी आगे चल रही हैं। हालांकि एनडीए के पास अभी बहुमत नहीं है। उधर, महाराष्ट्र में गड़बड़ाए राजनीतिक गणित के चलते विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की संभावनाएं लगातार कमजोर हो रही हैं। चलिए जानते हैं किसका पलड़ा भारी होगा और क्या है राष्ट्रपति चुनाव का गणित…  

एनडीए का नंबर गेम
बीजू जनता दल, जेडीयू और YSRCP के समर्थन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है। राष्ट्रपति चुनाव के इलोक्टोरल कॉलेज में सत्ताधारी एनडीए का बहुमत तो नहीं है लेकिन 49 फीसदी वोटों पर प्रभाव जरूर है। 1086431 में से 532351 वोट हासिल करने की क्षमता एनडीए के पास है। इसमें से वाईएसआरसीपी के पास 45,550 वोट हैं और एआईएडीएमके के पास 14,940 वोट हैं। ऐसी स्थिति में बीजू जनता दल और YSRCP का ही सपोर्ट द्रौपदी मुर्मू की जीत के लिए काफी है।

द्रौपदी मुर्मू का नाम देगा फायदा
द्रौपदी मुर्मू का नाम फाइनल करने के साथ ही एनडीए के एक तीर से कई निशाने साधे हैं। इससे एनडीए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के समर्थन पर भी भरोसा किया जा सकता है। झाझुमो इस वक्त झारखंड में कांग्रेस के साथ भले ही गठबंधन में हो लेकिन, संथाल जनजाति से आने वाली मुर्मू का समर्थन करने की संभावना ज्यादा है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अकाली, तेदेपा और बसपा जैसी पार्टियां जो विपक्ष में शामिल नहीं हुई हैं, उनके भी मुर्मू का पक्ष लेने की संभावना है जो सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए पहली आदिवासी महिला उम्मीदवार हैं।

नाम न छापने की शर्त पर एक भाजपा नेता ने कहा, “उनके(मुर्मू) नामांकन के लिए बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। पार्टी लाइनों के कई नेताओं ने एक विनम्र नेता को नामित करने के एनडीए के फैसले की सराहना की है जो एक गरीब पृष्ठभूमि से आई हैं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी यदि अन्य दल जिन्हें भाजपा विरोधी माना जाता है, वे भी उनका समर्थन करने का निर्णय लेंगे।”

पद के लिए मतदान गुप्त मतदान के माध्यम से किया जाता है और चूंकि सदस्य किसी पार्टी-व्हिप से बंधे नहीं होते हैं, इसलिए भाजपा नेता ने कहा कि मुर्मू का समर्थन करने के लिए क्रॉस वोटिंग की संभावना है। भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए, जो आवश्यक बहुमत से लगभग 20,000 मतों से कम है और अपने उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए बीजद जैसे मित्र दलों पर भरोसा कर रहा है। वाईएसआर, जो एनडीए का हिस्सा नहीं है, लेकिन एक दोस्ताना पार्टी के रूप में मुर्मू को समर्थन दे चुकी है।

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