क्या है यूक्रेन के शहर बूचा में नरसंहार की कहानी? पढ़ें पूरा मामला

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यूक्रेन का दावा है कि बूचा वापस लेने के बाद यहां के लोगों ने सड़कों पर बिखरी लाशों की तस्वीरें शेयर करनी शुरू कर दी है.

न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : यूक्रेन और रूस के बीच पिछले 42 दिनों से युद्ध चल रहा है. इस दौरान यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूसी सेना ने राजधानी कीव के पास मौजूद बूचा शहर में सामूहिक तौर पर कत्लेआम मचाया है. उनका आरोप है कि यूक्रेनी सेना ने बूचा में कई निर्दोष लोगों की जान ली है. 

दरअसल हाल ही में सोशल मीडिया पर बूचा की कई तस्वीरें वायरल हो रही है. तस्वीरों में सड़क पर कईं लाशें नजर आ रही हैं. दिख रही लाशों में किसी के हाथ बंधे हैं तो किसी के सर पर होली के निशाना साफ देखें जा सकते हैं. बूचा के लोगों का कहना है कि तस्वीर में दिख रहें लोग बूचा के स्थानीय हैं और उन्हें रूसी सेनाओं ने मारा है. हालांकि रूस ने ऐसे किसी भी आरोप का खंडन किया है. 

दरअसल इस शहर से कुछ दिन पहले ही रूसी सेना हटी है और एक बार फिर यह यूक्रेन के कब्जे में आ गया है. यूक्रेन का दावा है कि बूचा वापस लेने के बाद यहां के लोगों ने सड़कों पर बिखरी लाशों की तस्वीरें शेयर करनी शुरू कर दी है. वहीं शहर से रूस की वापसी के बाद वहां पहुंचे तमाम न्यूज एजेंसियों ने भी इन लाशों की तस्वीर शेयर की है. 

बूचा को लेकर यूक्रेन का पक्ष

यूक्रेन का दावा है कि रूस द्वारा किए गए हमले में कीव क्षेत्र के पास से लगभग 410 नागरिकों के शव मिले हैं. जिसमें लगभग 50 शव ऐसे हैं, जिनके साथ बर्बरता की गई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए रूस पर सख्त से सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग की है. वहीं अमेरिका ने कहा कि, ‘आपने देखा, बूचा में क्या हुआ. पुतिन एक वॉर क्रिमिनल हैं’. उन्होंने कहा कि पुतिन पर वार क्रमिनल का मुकदमा चलाया जाना चाहिये. 

क्या है वार ‘क्राइम’

साल 1939 से 1945 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भयंकर तबाही मची थी. इस युद्ध में लगभग साढ़ें पांच करोड़ के ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. जिसे देखते हुए भविष्य में किसी युद्ध के दौरान दूसरे विश्व युद्ध जैसी तबाही फिर से न हो इसलिए साल 1949 में दुनियाभर के राजनेता एकजुट हुए. जिसे जेनेवा कन्वेंशन कहा जाता है.

इन नेताओं ने एकजुट होकर कुछ नियम तय किए. तय किए गए नियमों के तहत भविष्य में किसी भी युद्ध के दौरान आम नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और अगर आम नागरिक टारगेट होते हैं तो  इसे ‘वॉर क्राइम’ माना जाएगा.

क्या है इसपर रूस का रुख 

रूस के रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि कीव ने पश्चिमी देशों की मदद लेकर बूचा शहर में वायरल हो रही तस्वीरों का प्रबंध किया है. बयान में कहा गया कि आपने ध्यान दिया होगा की इस बूचा के मेयर ने इस मामले का जिक्र नहीं किया है. रूसी के विदेश मंत्री ने इस घटना को मंच प्रबंधित रूस विरोधी उकसावे के रूप में वर्णित करते हुए आरोपो को खारिज किया है. 

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