


न्यूज़ जंगल डेस्क,कानपुर :देश के बिजली संयंत्रों में कोयले की किल्लत को लेकर संकट गहराता जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में बिजली गुल होने की आशंका के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने ऊर्जा मंत्रालय, बीएसइएस और टाटा पावर के अधिकारियों के साथ बैठक की। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली संकट को बेवजह प्रचारित किया गया। हमारे पास पर्याप्त भंडार हैं। दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी।
आरके सिंह ने कहा कि मैंने गेल के सीएमडी से देश भर के बिजली स्टेशनों को आवश्यक मात्रा में गैस की आपूर्ति जारी रखने के लिए कहा है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि आपूर्ति जारी रहेगी। न पहले गैस की कमी थी, न भविष्य में होगी। उन्होंने बताया कि बिना आधार के ये पैनिक इसलिए हुआ क्योंकि गेल ने दिल्ली के डिस्काम को एक मैसेज भेजा था कि वो बवाना के गैस स्टेशन को गैस देने की कार्रवाई एक या दो दिन बाद बंद करेगा। वो मैसेज इसलिए भेजा क्योंकि उसका कांट्रैक्ट समाप्त हो रहा है।
मंत्री ने कहा कि हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज्यादा का औसतन स्टाक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टाक आता है। कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टाक आज आया है। पहले की तरह कोयले का 17 दिन का स्टाक नहीं है। कोयले की ये स्थिति इसलिए है क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है और हमने आयात कम किया है। हमें कोयले की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी है हम इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी के संपर्क में हूं।
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने कल आगाह किया था कि अगर राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को कोयले की तत्काल आपूर्ति नहीं की गई तो दो दिनों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पूर्ण रूप से ब्लैकआउट हो सकता है। दिल्ली में बिजली संकट के समाधान को लेकर जैन ने कहा कि सरकार फिलहाल महंगी बिजली भी खरीदने को तैयार है।