पंजाब में टोल प्लाजा नहीं हुए हैं चालू रेट बढ़ाने के विरोध में किसान संगठन धरना हटाने से किया इनकार
न्यूज़ जंगल डेस्क, कानपुर: कृषि कानून वापस लिए जाने और किसानों की एमएसपी (MSP) समेत अन्य मांगें केंद्र सरकार की ओर से मान लिए जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने धरना को खत्म कर दिया है. वहीं, किसानों ने टोल प्लाजाओं से भी धरना उठाना शुरू कर दिया है. हालांकि, पंजाब के टोल प्लाजा अभी तक चालू नहीं हुए हैं. कई किसान संगठन टोल पर फीस बढ़ाने पर एतराज जता रहे हैं. इसके मद्देनजर भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने फिलहाल टोल प्लाजा से धरना उठाने से इनकार कर दिया है. इसे लेकर आज यानी बुधवार शाम को औपचारिक घोषणा होगी.
मालूम हो कि पंजाब-हरियाणा में करीब एक साल से बंद पड़े टोल प्लाजा (Toll Plaza) अब किसान आंदोलन खत्म होने के बाद दोबारा शुरू होने की तैयारी में हैं. पंजाब और हरियाणा में नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर दो दर्जन से ज्यादा टोल प्लाजा पर किसान धरना दे रहे थे. इसके चलते यहां टोल वसूली नहीं हो रही थी. अब आंदोलन खत्म होने के साथ ही कंपनियों ने टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली की तैयारी की है. हालांकि, अभी पुराने रेट पर ही टोल लगेगा, लेकिन उम्मीद है कि नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार टोल प्लाजा के रेट में बढ़ोतरी कर सकती है.
पंजाब में टोल प्लाजा पर धरन
पंजाब से होकर गुजरते राष्ट्रीय राजमार्गों पर एनएचएआई के 25 टोल प्लाजा हैं. तीन कृषि कानूनों का विरोध करते हुए पिछले साल सितंबर-अक्टूबर से पंजाब में सभी टोल प्लाजा पर किसानों ने धरना शुरू कर दिया था और वहां टोल टैक्स की वसूली बंद कर दी थी. एनएचएआई ने तब बताया था कि 1 अक्टूबर, 2020 से वाहनों को बिना टोल टैक्स दिए आने-जाने दिया जा रहा है.
टोल टैक्स से होने वाली कमाई रुकी
ऐसे में किसान आंदोलन की वजह से राज्य के विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर एनएचएआई को टोल टैक्स के रूप में होने वाली कमाई रुक गई है. एनएचएआई ने बताया था कि टोल से होने वाली आमदनी रुकने के कारण पंजाब में हाईवे की मरम्मत का काम भी प्रभावित हुआ है. इसके अलावा राज्य में प्रस्तावित विभिन्न राजमार्ग परियोजनाओं का क्रियान्वयन भी प्रभावित हुआ है. पैसे की आमद रुकने से नए प्रोजेक्टों पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है और मौजूदा नेशनल हाईवे की मरम्मत भी नहीं हो रही है.
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