महाविकास अघाड़ी को झटका, नागपुर और अकोला सीट पर बीजेपी ने मारी बाजी

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विदर्भ की नागपुर और अकोला विधान परिषद  सीट पर बीजेपी उम्मीदवारों ने बड़ी जीत हासिल की है.

न्यूज़ जंगल डेस्क, कानपुर : महाराष्ट्र विधान परिषद की दो सीटों पर हुए चुनाव में सत्ताधारी महा विकास आघाड़ी सरकार को मतदाताओं ने बड़ा झटका दिया है . विदर्भ की नागपुर और अकोला विधान परिषद  सीट पर बीजेपी उम्मीदवारों ने बड़ी जीत हासिल की है. खास बात यह है कि महा विकास आघाड़ी के उम्मीदवारों के पास जितने वोट थे, उसमें भी बड़े पैमाने पर सेंधमारी देखी गई है. 

कई मतदाताओं ने बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोट दिए हैं. विदर्भ में हुई कांग्रेस की बुरी हार के बाद बीजेपी नेता चंद्रशेखर बवनकुले ने अपनी जीत पर कहा कि  कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए.

विधान परिषद के अकोला-वाशिम-बुलडाना और नागपुर स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने MVA को बड़े मार्जिन से शिकस्त दी है. अकोला सीट पर बीजेपी के वसंत खंडेलवाल 110 मतों से जीते. लगातार तीन बार शिवसेना से विधायक रहे गोपी किशन बाजोरिया को हराकर खंडेलवाल ‘जाइंट किलर’ बने. खंडेलवाल 438 में 328 मतों से जीते.

आंकड़ों के आधार पर, बाजोरिया MVA के भागीदारों के 406 मतों के साथ अपने प्रतिद्वंद्वी से काफी आगे थे, जबकि बीजेपी 246 पर थी. जीत का आंकड़ा 822 निर्वाचित और मनोनीत प्रतिनिधियों में से 412 वोट थे. तो वहीं प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) 86 मतों के साथ चुनाव में प्रमुख भूमिका में थे. तो वही निर्दलीयों की संख्या 77 थी.

नागपुर की सीट से चंद्रशेखर बावनकुले ने कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार मंगेश देशमुख को हराकर जीत हासिल की. 

बीजेपी – 362 वोट
कांग्रेस – 186 वोट

MVA के लगभग 16 सदस्यों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. MVA के पास 202 अधिकृत वोट थे.

बता दें कि कांग्रेस पार्टी पर चुनाव से ठीक पहले अपने उम्मीदवार रविन्द्र (छोटू) भोयर को बदल दिया था और निर्दलीय उम्मीदवार मंगेश देशमुख को समर्थन की घोषणा की थी. 

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गौरतलब है कि इस चुनाव से ठीक पहले रविन्द्र भोयर बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. क्योंकि बीजेपी के लिए बड़ा झटका मना जा रहा था. लेकिन भोयर को उम्मीदवारी देने पर कांग्रेस में सहमति नहीं बन पा रही थी. नतीजतन आंतरिक विवाद के चलते आखिरी वक्त पर उम्मीदवार बदलने की शर्मिंदगी कांग्रेस को उठानी पड़ी थी. प्रदेश के अध्यक्ष नाना पटोले, मंत्री नितिन राउत और सुनील केदार में उम्मीदवार को लेकर नाराजगी चल रही थी.

विधान परिषद चुनाव में मिली जीत के बाद BJP के हौसले बुलंद हैं तो दूसरी तरफ़ BJP कांग्रेस की इस बड़ी हार के पीछे प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के कमज़ोर नेतृत्व को ज़िम्मेदार ठहरा रही है. BJP नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने नाना पटोले से इस्तीफ़ा देने की मांग की है.

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