जीवन में इन गलतियों की भयंकर सजा देते हैं शनि देव

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शनि देव को न्याय का देवता भी कहा गया है. शास्त्रों में शनि देव को कर्मफलदाता भी कहा गया है. शनि की अशुभता से बचना है तो इन बातों का सदैव ध्यान रखें

न्यूज जंगल कानपुर डेस्क : शनि देव की दृष्टि को शुभ नहीं माना गया है. शास्त्रों के अनुसार शनि की दृष्टि से भगवान शिव भी नहीं बच पाए थे. इतना ही नहीं मनुष्य ही नहीं देवता और प्रेत भी शनि की क्रूर दृष्टि से घबराते हैं.  शनि की अशुभता से बचना है तो इन बातों का सदैव ध्यान रखें-

शनि कौन हैं?
शास्त्रों के अनुसार शनि को सूर्य का पुत्र बताया गया है. शनि की माता का नाम छाया है. शनि देव का विवाह चित्ररथ की कन्या से हुआ था. कुछ शास्त्रों में शनि देव की आठ पत्नियों का भी वर्णन मिलता है. शनि की अपने पिता सूर्य से नहीं बनती है. यही कारण है कि शनि की सूर्य से शत्रुता है.

शिव और कृष्ण के भक्त हैं शनि देव
शनि देव भगवान शिव और श्रीकृष्ण के परम भक्त हैं. शनि देव ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके बाद उन्होने ने शनि को पृथ्वीलोक का दंडाधिकारी नियुक्त किया. इसके अनुसार व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का फल शनि देव प्रदान करते हैं. 

शनि कब नाराज होते हैं?
शनि का स्वभाव बहुत ही क्रूर बताया गया है. शनि को नियम और अनुशासन बहुत ही प्रिय है. जो लोग इसका पालन नहीं करते हैं वे शनि की दशा, अंर्तदशा, साढे़साती और ढैय्या के दौरान भयंकर समस्याएं प्रदान करते हैं, जिससे व्यक्ति का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और परेशानियां कम होने की बजाए बढ़ने लगती है. इसलिए शनि को प्रसन्न रखना है तो इन गलतियों को कभी न करें-

मेहनत करने वालों का सम्मान करें
शनि को परिश्रम का कारक माना गया है. कुंडली की दशम भाव कर्म का कारक है. ये भाव राशि चक्र के अनुसार मकर है. मकर राशि के स्वामी शनि देव है. इसीलिए शनि को कर्मफल दाता भी कहा जाता है. जो लोग कठोर परिश्रम से जीवनयापन करते हैं उनका कभी अपमान नहीं करना चाहिए. जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें शनि कभी माफ नहीं करते हैं और समय आने पर कठोर दंड देते हैं.

हारे का सहारा बनने वालों को ‘शनि’ जीवन में देते हैं अपार सफलता
शनि ऐसे लोगों को जीवन में बहुत ही अच्छे फल प्रदान करते हैं जो किसी कमजोर का सहारा बनते हैं. जो लोग मृत्युतुल्य कष्ट भोग रहे हैं उनके जीवन में यदि रोशनी की किरण प्रदान करते हैं तो शनि जीवन का हर सुख प्रदान करते हैं. निर्धन कन्या का विवाह कराना, गरीब को सहारा देना, आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद करना, पशु-पक्षी की सेवा करना और प्रकृति की रक्षा करने वालों को शनि परेशान नहीं करते हैं. इसके साथ कुष्ट रोगियों की सेवा करने से भी शनि शुभ फल प्रदान करते हैं.

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