शरीर में ऊर्जा संतुलन बनाने का काम करती है पोलैरिटी

कानपुर। श्री रामचंद्र मिशन और हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट की ओर से हार्टफुलनेस पोलैरिटी (ध्रुवियता) पर तीन-दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 24 से 26 फरवरी तक कानपुर केंद्र, प्रगति आश्रम, मंधना में किया गया।

News Jungal desk : जोन प्रभारी शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि पोलैरिटी एक आध्यात्मिक तरीका है, जिससे हमारी प्राण ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है, ऐसा करने से कई शारीरिक एवं मानसिक विकार भी कम हो जाते हैं। इस प्राचीन पद्धति को श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष और हार्टफुलनेस संस्था, हैदराबाद के वैश्विक मार्गदर्शक श्री कमलेश पटेल दाजी ने जन सामान्य के लिए सुलभ बनाने का काम किया है।

विदेशों में पोलैरिटी कराने पर काफ़ी फीस देनी पड़ती. हार्टफुलनेस निःशुल्क सेवा दे रहा है. पोलैरिटी से शरीर के प्राणमय कोष की ऊर्जा को संतुलित किया जाता है। इसमें एक दाता और दूसरा ग्राही होता है। प्राणमय कोष की ऊर्जा को संतुलित करने के लिए दाता अपने हाथों से ग्राही को बिना छुये ऊर्जा को संप्रेषित करता है. पौलेरिटी से सर्दी, जुकाम, चिड़चिड़ापन, स्ट्रेस, माइग्रेन, अनिद्रा, डिप्रेशन, नसों में ब्लाकेज और सिर दर्द को दूर किया जा सकता है। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के 150 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया ।

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