यूपी-बिहार वालों को नहीं करना होगा खाली सीट का इंतजार अगले कुछ साल में ट्रेनों को लेकर काफी बदलाव किए जाएगे

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 रेलवे एक तरफ तो वंदे भारत और बुलेट ट्रेन जैसी हाईफाई ट्रेनें दौड़ाने की तैयारी में है तो दूसरी ओर मौजूदा सभी ट्रेनों का रूप बदलने पर भी काम हो रहा है. रेलवे की तैयारी सभी ट्रेनों में डबल इंजन और ऑटोमेटिक डोर लगाने के साथ ज्‍यादा दबाव वाले रूट पर स्‍टैंडर्ड ट्रेनें चलाने की है.

News Jungal Desk: भारतीय रेलवे सिर्फ वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) को ही आधुनिक बनाने पर जोर नहीं दे रही है बल्कि सभी ट्रेनों को अपग्रेड करने की तैयारी में है । केंद्र सरकार की निगाह अगले कुछ साल में ट्रेनों की सूरत पूरी तरह बदल देने पर है । ज्‍यादा भीड़ वाले रूट पर स्‍टैंडर्ड ट्रेनें चलाने की भी तैयारी है । ताकि यात्रियों को आने-जाने के लिए सीट खाली होने या टिकट कंफर्म होने का इंतजार न करना पड़े।

सरकार के टॉप लेवल सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ साल में ट्रेनों को लेकर काफी बदलाव किए जाने हैं । हमारी तैयारी सभी ट्रेनों में ऑटोमेटिक दरवाजे और एंटी जर्क कपलर्स लगाने की है इससे ट्रेन के चलने और रुकने पर यात्रियों को झटके नहीं महसूस होंगे साथ ही हर ट्रेन में हम डबल इंजन भी लगाएंगे । जिससे सेमीस्‍पीड ट्रेनसेट तैयार करने में हमारा खर्चा कम हो जाएगा डबल इंजन होने से ट्रेन से सफर का समय भी घटाया जा सकेगा ।

कैसे काम करेगा डबल इंजन
सूत्रों का कहना है कि हर ट्रेन में एक इंजन आगे की ओर और एक पीछे की तरफ लगाया जाएगा । पुश एंड पुल मेथड पर इन ट्रेनों को चलाया जाएगा इससे आगे बढ़ने और पीछे चलने में ट्रेनों को कम समय भी लगेगा और स्‍पीड भी बढ़ाई जा सकेगी बिल्‍कुल वंदे भारत ट्रेन की तरह, जो डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड पॉवर टेक्‍नोलॉजी पर काम करती है । इससे सफर का समय भी घटाया जा सकेगा. मुंबई-दिल्‍ली राजधानी एक्‍सप्रेस को साल 2019 से इसी तरीके पर चलाया जा रहा है और इसका समय घटाने में सफलता मिली है ।

160 किमी की स्‍पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें
रेलवे सूत्रों का कहना है कि इस तरह की तकनीक को आगे बढ़ाने की तैयारी है । इससे खर्चा भी कम होगा और सेमी हाईस्‍पीड ट्रेन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ाया जा सकेगा है । चितरंजन लोकोमोटिव वर्कशॉप में WAP-5 और WAP-7 क्‍लास के इंजन में भी बदलाव किया जा रहा है । जो इस स्‍पीड पर दौड़ सकते हैं । अक्‍टूबर तक इस तरह के इंजन की पहली खेप आ भी जाएगी । इससे भविष्‍य में मेंटेनेंस कॉस्‍ट भी कम हो जाएगी ।

इन रूट पर वेटिंग का झंझट खत्‍म
रेलवे की तैयारी ज्‍यादा भीड़भाड़ वाले रूट पर स्‍टैंडर्ड ट्रेनें चलाने की है. इसके लिए रूट की पहचान भी कर ली गई है । इन रूट पर सिर्फ जनरल कोच और नॉन एसी वाले स्‍लीपर कोच की ट्रेनें चलाई जाएंगी । इन ट्रेनों में सीट की संख्‍या ज्‍यादा होने से यात्रियों की मांग पूरी करने में मदद मिलेगी । और रेलवे के अनुसार, पूर्वी यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखड़, छत्‍तीसगढ़ जैसे राज्‍यों को मुंबई, दिल्‍ली, बैंगलोर, चेन्‍नई और केरल जैसे बड़े शहरों से जोड़ने की तैयारी है. इनके बीच स्‍टैंडर्ड ट्रेनें चलाई जाएंगी, क्‍योंकि इन रूट पर यात्रियों का दबाव काफी ज्‍यादा रहता है. एक अधिकारी ने बताया कि ये ट्रेनें अभी चल रही ट्रेनों से इतर चलाई जाएंगी और सीजन में चलने वाली ट्रेनों से भी इनका कोई लेनादेना नहीं रहेगा ।

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