पनीरसेल्वम को लगा झटका, पलानीस्वामी ही हैं AIADMK के मालिक- सुप्रीम कोर्ट… 

0

पनीरसेल्वम ने मद्रास हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा पारित 2 सितंबर 2022 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने अन्नाद्रमुक नेतृत्व के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के लिए एकल पीठ के आदेश को पलट दिया था, क्योंकि अदालत ने यह आदेश अंतरिम जनरल सेकेट्री के रूप में एडप्पादी पलानीस्वामी के चुनाव से पहले दिया था.

एआईएडीएमके पार्टी में नेतृत्व विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले से पूरी तरह विराम लगा दिया. शीर्ष अदालत ने मद्रास हाई कोर्ट की खंडपीठ के उस फैसले की पुष्टि की, जिसमें एडप्पादी के पलानीस्वामी (EPS) को AIADMK पार्टी के एकल नेता के रूप में बहाल किया गया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ओ पन्नीरसेल्वम (OPS) की वह याचिका खारिज भी कर दी, जिसमें उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ईपीएस अन्ना द्रमुक पार्टी के महासचिव बने रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उस अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड पर लिया था, जिसमें ई के. पलानीस्वामी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील सी आर्यमा सुंदरम ने कहा था कि शीर्ष अदालत के मामले में सुनवाई करने तक एआईएडीएमके जनरल सेकेट्री का चुनाव नहीं कराया गया.

ओ पनीरसेल्वम ने मद्रास हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा पारित 2 सितंबर 2022 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने AIADMK नेतृत्व के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के लिए एकल पीठ के आदेश को उलट दिया था, क्योंकि अदालत ने यह आदेश अंतरिम जनरल सेकेट्री के रूप में एडप्पादी पलानीस्वामी के चुनाव से पहले दिया था. अपने पक्ष में फैसला आने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ईपीएस ने कहा, ‘मुझे संदेह था कि SC का फैसला कैसा होगा. जिस पर्दे के पीछे डीएमके की बी टीम काम कर रही थी, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरी तरह फट गया. जयललिता ने विधानसभा में कहा था कि यह पार्टी 100 साल तक राज करेगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इस बात की पुष्टि भी हुई है.’

Read also: ब्रिटेन : सब्जियों पर लगा ‘कोटा  बाजार से अचानक गायब हुए टमाटर

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *