अमर जवान ज्योति की लौ को लेकर हुए विवाद पर Modi सरकार ने दी ये सफाई

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सरकार ने कहा है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है. इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जलने वाली ज्योति में विलीन किया जा रहा है. अब ये ज्वाला राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में प्रज्वलित रहेगी.

न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : अमर जवान ज्योति की लौ को लेकर हुए विवाद पर अब केंद्र सरकार ने सफाई दी है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि तरह-तरह की भ्रांतियां फैल रही हैं, इनको दूर करना जरूरी है. अब सरकार ने इस पर तथ्यों को सामने रखा है. सरकार ने कहा है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है. इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जलने वाली ज्योति में विलीन किया जा रहा है. अब ये ज्वाला राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में प्रज्वलित रहेगी.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर दिल्ली में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ”बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे.”

सरकार के सूत्रों का कहना है, विडम्बना यह है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हमारे शहीदों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं.

गौरतलब है कि अमर ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई नाम-पता वहां मौजूद नहीं है. इंडिया गेट पर अंकित नाम केवल कुछ शहीदों के हैं, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी और इस प्रकार यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है.

क्या है इस अमर जवान ज्योति का इतिहास

अमर जवान ज्योति दिल्ली में इंडिया गेट पर बनी है जिसमें मार्बल की एक सतह पर राइफल बंदूक खड़ी है और उस पर सैनिक का एक हेलमेट भी टंगा है. इसका इतिहास 50 साल पुराना है. दरअसल इसे 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया था. इसका उद्घाटन 1972 में गणतंत्र दिवस के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. बता दें कि 2006 तक इसे एलपीजी सिलेंडर से जलाकर रखा जाता था. तभी प्राकृतिक गैस की सप्लाई के लिए एक पाइपलाइन डाली गई.

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नेशलस वार मेमोरियल ले जाने की ये है वजह

दिल्ली का नेशनल वार मेमेरियल, इंडिया गेट के पास ही 40 एकड़ में बनाया गया है. यहां स्वतंत्र भारत के इतिहास में अलग-अलग युद्धों और घटनाओं में शहीद हुए 26000 हजार सैनिकों के नाम लिखे गए हैं. बता दें कि इसका उद्घाटन फरवरी 2019 में पीएम मोदी के द्वारा किया गया था. सूत्रों की मानें तो क्योंकि अबतक शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई जगह नहीं थी, इसलिए अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर रखा गया था. अब नेशनल वार मेमोरियल बन चुका है तो इसे वहां ले जाने में कोई परेशानी नहीं है.

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