मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने छोड़ी राजनीति, बोले- मैं कोई राजनेता नहीं, एक नौकरशाह हूं
मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने गुरुवार को हैरानी भरा कदम उठाते हुए राजनीति छोड़ दी. उन्होंने कहा कि मैं कोई राजनेता नहीं था.
न्यूज़ जंगल डेस्क, कानपुर : मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने गुरुवार को हैरानी भरा कदम उठाते हुए राजनीति छोड़ दी. उन्होंने कहा कि मैं कोई राजनेता नहीं था. मलप्पुरम में अपने गृहनगर में उन्होंने कहा, “बहुत से लोग नहीं जानते हैं, मैं अब 90 साल का हूं और जहां तक मेरी उम्र मानी जाती है, मैं उन्नत अवस्था में हूं. जब मैं कहता हूं कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़ रहा हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं राजनीति छोड़ रहा हूं. जब मैं चुनाव हार गया तो मुझे दुख हुआ, लेकिन अब मैं दुखी नहीं हूं क्योंकि एक विधायक के साथ कुछ नहीं किया जा सकता.” उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य इकाई का वोट शेयर 16 से 17 फीसदी था, लेकिन अब इसमें कमी आई है.
श्रीधरन ने कहा, “मैं एक राजनेता नहीं था क्योंकि मैं एक नौकरशाह हूं और भले ही मैं राजनीति में सक्रिय नहीं होने जा रहा हूं, मैं हमेशा अन्य तरीकों से लोगों की सेवा कर सकता हूं. मेरे पास तीन ट्रस्ट हैं और मुझे इसमें काम करना है.” वह केरल में विधानसभा चुनाव से पहले फरवरी में भाजपा में शामिल हुए थे.
ये भी पढ़ें : किसानों की घर वापसी के बाद खुला दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे NH-24, दौड़ने लगी गाड़ियां
श्रीधरन को केरल भाजपा इकाई के एक वर्ग ने पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा और पलक्कड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा. वह 6 अप्रैल के विधानसभा चुनावों में युवा कांग्रेस विधायक शफी परम्बिल से 3,859 मतों के अंतर से हार गए थे.