यहां हुआ था भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन,मथुरा में किस नाम से है यह मंदिर

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न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : भगवान श्रीकृष्ण की जन्म स्थली मथुरा में महाविद्या देवी का मंदिर भी है। यह मंदिर पश्चिम दिशा में रामलीला मैदान के निकट एक ऊंचे टीले पर स्थित है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन नंदबाबा ने यहीं कराया था। ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण, बलदेव, नंदबाबा, यशोदा और अन्य गोपों के साथ देव यात्रा पर अम्बिका वन आए थे। वहां उन्होंने पवित्र जल में स्नान कर पशुपति गोकर्ण महादेव की पूजा अर्चना की थी। नवरात्र पर महाविद्या मंदिर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किए जा रहे हैं। हर दिन यहां हवन के साथ मां के दर्शन करने के लिए भक्तों के दर्शन करने आ रहे हैं।

महाविद्या देवी कान्हा की कुलदेवी मानी जाती है
भगवान श्री कृष्ण की कुलदेवी महाविद्या देवी को माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मन्नत के बाद माता यशोदा ने महाविद्या मंदिर में कान्हा का मुंडन कराया गया था . माता यशोदा द्वारा कान्हा का मुंडन कराने के बाद महाविद्या मंदिर की देवी श्रीकृष्ण की कुलदेवी के रूप में पूजी जाती हैं. वहीं, महाविद्या मंदिर के पुजारी मनीष बाबा बताते हैं कि एक बार अंबिकावन में यशोदा और नंद बाबा आए तो हजारों साल से तपस्या में लीन अजगर स्वरूप में एक असुर ने नंद बाबा का पैर पकड़ लिया. और जिसके बाद नंद बाबा ने कान्हा को बुलाया और भगवान श्रीकृष्ण ने उस असुर का उद्धार किया.

काफी साल पुराना है यह मंदिर
महाविद्या देवी का मंदिर साढ़े 5 हजार साल पुराना है. मनीष बाबा बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण मराठा महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज के द्वारा हुआ था. क्योंकि छत्रपति महाराज महाविद्या कुंड में नहाने के लिए आते थे. महाविद्या देवी मंदिर पर भक्तों का ताता लगा रहता है. हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु मां का आशीर्वाद लेने के लिए यहां पहुंचते रहता हैं.

जानिए कहां है महाविद्या देवी मंदिर?
भगवान श्रीकृष्ण की कुलदेवी महाविद्या माता का मंदिर मथुरा रेलवे जंक्शन से 4 किलोमीटर की दूरी पर है. मंदिर में सुबह 5:30 बजे मंगला आरती की जाती है. वहीं, शाम की आरती करीब 9:00 बजे की जाती है.

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