कानपुर: प्रदूषण खत्म करने के दावे रहे बेअसर, लोगों की नाकों में सीधे जा रहे धूल-धुएं के कण

0

कानपुर में धूल-धुएं के कणों में कोई खास कमी दर्ज नहीं हो रही है। बुधवार को नेहरू नगर में धूल-धुआं का अधिकतम स्तर 418, पीएम 10 का 435…

न्यूज जंगल डेस्क :– दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से सेहतमंद अपने शहर कानपुर (Kanpur) की हवा रही पर लखनऊ और वाराणसी के मुकाबले खराब रही। दरअसल केंद्रीय प्रदूषण (central pollution) नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) (CPCB) के स्तर से जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) दिल्ली (Delhi) का 376 रहा तो कानपुर (Kanpur) का कुछ बेहतर 208 रहा जो खराब श्रेणी में माना जाता है, लखनऊ का एक्यूआई 172 रहा जो कानपुर (Kanpur) से बेहतर है। एक्यूआई के उतार-चढ़ाव में हवा की दिशा अहम रोल अदा कर रही है।

दरअसल बता दें कि शहर की हवा की सेहत बताने वाला एक्यूआई पहली नवंबर को 280 था जो 02 नवंबर को 72 प्वाइंट गिर गया। विशेष बात यह है कि धूल-धुएं के कणों में कोई खास कमी दर्ज नहीं हो रही है। बुधवार को नेहरू नगर में धूल-धुआं का अधिकतम स्तर 418, पीएम 10 का 435 रहा। इसी तरह खतरनाक गैसों में सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड व ओजोन का स्तर भी बढ़ा।

आसपास के शहर भी प्रदूषित..जबकि बता दें कि दिल्ली (Delhi) आनंद विहार का प्रदूषण बुधवार रात 08 बजे 427 था। वैसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)-(CPCB) के अनुसार दिल्ली (Delhi) का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 376 रहा। दरअसल इसी तरह गाजियाबाद का 332, ग्रेटर नोएडा का 336 रहा। पर लखनऊ का 172 और वाराणसी का 102 रहा। इसके विपरीत कानपुर का एक्यूआई 208 पहुंचा जो खराब माना जाता है!

रात दो बजे तक रेड जोन में रहा शहर..

बुधवार रात 12 बजे नेहरू नगर सेंटर का एक्यूआई 303 यानी रेड जोन में रहा। रात 02 बजे 301 रहा जो रेड जोन में आता है।सुबह 04 बजे 294, 06 बजे 279, 09 बजे (266, 12 बजे 262) 15 बजे (सायं 03 बजे) 272, 18 बजे (शाम छह बजे) 284 रहा। रात 08 बजे एक्यूआई (285) रहा..

शादियों में आतिशबाजी बढ़ा रही प्रदूषण..

दरअसल बता दें कि शहर की घनी आबादी के बीच देर रात तक बड़े स्तर पर आतिशबाजी की जा रही है। इस कारण रात का एक्यूआई अचानक बढ़ जाता है। देर रात चमनगंज, बेकनगंज, तलाक महल, कर्नलगंज, बाबूपुरवा, सिविल लाइंस समेत अनेक इलाकों में निकलने वाली बारातों में रात 10 से 02 बजे तक बड़े स्तर पर आतिशबाजी की जाती है। बता दें कि इससे न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है बल्कि खतरनाक गैसों की मात्रा भी बढ़ जाती है। शहर का प्रदूषण भी इस समय पीक पर रहता है। इसका एक बड़ा कारण आतिशबाजी (Fireworks) का बेरोक टोक उपयोग किया जाना है !

यह भी पढ़े:– Gujarat: में दूसरे चरण की 93 सीटों का गणित, जानें 5 दिसंबर को कहां-कहां होगा मतदान..

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *