विधानसभा चुनाव के लिए जेपी नड्डा ने पदाधिकारियों को दिया जीत का मंत्र

0
Mission-2022: BJP engaged in winning the booth JP Nadda will launch the  victory campaign today - मिशन-2022 : बूथ जीतने में जुटी भाजपा, जेपी नड्डा  विजय अभियान का आज करेंगे शुभारंभ

न्यूज जंगल डेस्क,कानपुरः उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा में अभी दो-ढाई महीने बाकी हैं, लेकिन भाजपा ने अपनी तैयारी का नगाड़ा बजा दिया है। भाजपा के केंद्रीय पदाधिकारियों की सोमवार को दिनभर चली बैठक में बार-बार यही बात दोहराई गई कि पार्टी हमेशा समाज के बीच, उनके काम को लेकर मौजूद रही है। यही काम लगातार चलता रहेगा। लिहाजा तैयारी पूरी है। यही संवाद, संपर्क और सेवा हमेशा बनाए रखना है।

बैठक एक तरह से मानसिक ट्रेनिंग थी, जिसे संबोधित करते हुए अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा वह पार्टी नहीं है जो केवल चुनाव में जनता के पास जाती है। नरेन्द्र मोदी सरकार की सामाजिक कल्याण की योजनाएं हर घर तक पहुंच रही हैं। उन्होंने ही ‘सेवा ही संगठन’ का मंत्र दिया था, जिसके जरिये भाजपा कार्यकर्ता लगातार जमीन पर मौजूद रहे हैं। यही मंत्र भाजपा को हमेशा प्रासंगिक बनाए रखता है और दूसरे दलों से अलग करता है। चुनाव सामने है और इसे जीतना भी है, लेकिन संवाद, संपर्क और सेवा का मूलमंत्र ही सबसे ऊपर है।

नड्डा ने विपक्ष को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि उनकी ओर से विकास के काम में भी अवरोध खड़ा किया जाता है। कोरोना काल में भी राजनीतिक रोटी सेंकने और देश की छवि को धूमिल करने का प्रयास हुआ। जनता के सामने यह स्थिति भी स्पष्ट करनी होगी। उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से लगभग 100 करोड़ वैक्सीन दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया।

बताते हैं कि दिन भर चली इस बैठक को अन्य पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया और पिछले दिनों में प्रधानमंत्री के साथ अलग-अलग उपाध्यक्षों, महासचिवों, प्रवक्ताओं व सचिवों की बैठक का भी जिक्र आया। उन बैठकों में भी प्रधानमंत्री ने इसी मूलमंत्र पर जोर दिया था। बैठक में डबल इंजन की सरकार का भी प्रसंग आया। जाहिर है कि जनता को यह भी बताया जाएगा कि किस तरह भाजपाशासित राज्यों में विकास कार्य दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी तेज रहा है।

यूं तो पांचों राज्यों में केंद्र से चुनाव की जिम्मेदारी का बंटवारा किया जा चुका है, लेकिन प्रवक्ताओं पर जिम्मेदारी होगी कि वह समसामयिक व ज्वलंत मुद्दों पर सही परिप्रेक्ष्य में भाजपा का विचार रखें और विपक्षी दलों के एजेंडे से भी बचें। उल्लेखनीय है कि पांच में से चार राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर व गोवा में भाजपा की सरकार है, जबकि पंजाब में कांग्रेस की। ऐसे में भाजपा के लिए चुनौती बड़ी है, लेकिन पार्टी को विश्वास है कि फिर से जनता का भरोसा उसे ही प्राप्त होगा।

यह भी देखेंःपंजाबःकांग्रेस के लिए सिरदर्द बने नवजोत सिंह सिद्धू ,देखें रिपोर्ट

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *