Omicron को हल्के में लेना गलत, अगले कुछ हफ्तों में कम हो सकते हैं कोरोना केस
कोरोना के नए वेरिएंट Omicron को लेकर एम्स के न्यूरोसर्जरी प्रोफेसर ने दी चेतावनी, कहा – बुरे से बुरे हालात के लिए रहना होगा तैयार
न्यूज़ जंगल डेस्क, कानपुर : भारत में कोरोना मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. जिनमें कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन वाले केस भी शामिल हैं. लेकिन इसके बावजूद लोग बिना मास्क और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जा रहे हैं. इसमें से ज्यादातर का तर्क यही है कि Omicron में कोई भी गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहा. लेकिन अब इस तर्क को लेकर एम्स के एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है.
अगले कुछ हफ्तों में कम हो सकते हैं मामले
एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ पीएस चंद्रा ने कहा है कि, ओमिक्रॉन को हल्के में लेकर खुद की सुरक्षा से खिलवाड़ करना सही नहीं है. हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि फिलहाल जो केस तेजी से बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं, उनमें आने वाले कुछ हफ्तों में कमी देखने को मिल सकती है. लेकिन हमें सतर्क और बुरे से बुरे हालात के लिए तैयार रहना होगा.
डॉ चंद्रा ने कहा कि, हम बाकी देशों को देखते हुए ऐसा कह सकते हैं कि जल्द कोरोना मामलों में कमी आ सकती है. अफ्रीका और साउथ अफ्रीका में देखा गया कि तेजी से केस बढ़ने के बाद अब मामले लगातार कम हो रहे हैं. लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत इसलिए है, क्योंकि ओमिक्रॉन बहुत तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है. तो आप अपनी सुरक्षा के लिए लगातार मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखें और घर से ही काम करना जारी रख सकते हैं.
बढ़ रही है हर्ड इम्युनिटी – एक्सपर्ट
पिछली बार की तरह इस बार केस बढ़ने के बावजूद उस तरह का पैनिक नहीं है, क्योंकि ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जिनमें या तो कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे, या फिर उनमें काफी हल्के लक्षण हैं. इस पर एम्स के एक्सपर्ट ने कहा कि, ये दिखाता है कि हम हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रहे हैं. लोगों में तैयार हुई इम्युनिटी ही इस वायरस से लड़ने का काम कर रही है. लेकिन फिर से ये ध्यान रखने की जरूरत है कि ये वायरस काफी तेजी से फैलने वाला है.
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डॉ चंद्रा ने कहा कि, भले ही ज्यादा लोग हॉस्पिटल में भर्ती नहीं हो रहे हैं. लेकिन वायरस के ज्यादा संक्रामक होने के चलते अगर बड़ी संख्या में लोग संक्रमित होते हैं और हमारी पूरी जनसंख्या के 1 प्रतिशत लोग भी अस्पताल में भर्ती होते हैं तो हमारे हॉस्पिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी दबाव बनेगा. हम नहीं चाहते हैं कि ये किसी भी तरह प्रभावित हो.