न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर शहर में बढ़ रहे जीका के संकट को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नया डायरेक्टिव जारी किया है। अपर निदेशक स्वास्थ्य कानपुर मंडल डॉ जीके मिश्रा ने कहा है है कि जीका में सबसे ज्यादा संकट प्रसूताओं को है। इसलिए अब शहर की सभी स्त्री रोग विशेषज्ञ और अल्ट्रासाउंड सेन्टरों से रोजाना प्रसूताओं की रिपोर्ट तलब की जाएगी। जिससे गर्भ में पल रहे असामान्य बच्चों के बारे में जानकारी मिल सके। गर्भ में पल रहे असामान्य बच्चों की रिपोर्ट तो तत्काल भेजने को अनिवार्य कर दिया गया है और साथ ही यह भी कहा है कि अगर कोई रिकॉर्ड छिपता है तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।



चकेरी की रिपोर्ट अलग बनाई जाएगी…
अपर निदेशक स्वास्थ्य कानपुर मंडल जीके मिश्रा ने सभी गायनेकोलॉजिस्ट और अल्ट्रासाउंड सेंटरों को सर्कुलर जारी किया है चकेरी क्षेत्र की रिपोर्ट अलग बना कर भेजने के निर्देश दिए गए है क्योंकि इसी इलाके में सबसे ज्यादा संक्रमण फैला है। संक्रमण गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरा माना जाता है। इसी कड़ी में यह कवायद की गई है।
गर्भ में असामान्य शिशु की रिपोर्ट न भेजना पड़ेगा महंगा…
अपर निदेशक डॉ जीके मिश्र ने बताया, सर्कुलर सभी के लिए जारी किया गया है। इसमें देरी पर कार्रवाई भी होगी। सभी असामान्य शिशु की रिपोर्ट जरूर देनी है। यह काम सभी को लगातार 6 महीने तक करना होगा।
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बुधवार से होगी जीका की जांच…
इन सबके बीच जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बुधवार से जीका सैंपल की जांच शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए 100 नमूनों की किट केजीएमयू से मंगवाई गई है। मास्टर मिक्चर समेत सभी जरूरी सामान का मसौदा शासन को भेज दिया गया है। अभी तक जीका की जांच एनआईवी पुणे के बाद केजीएमयू में की जा रही है।