IIT की रिपोर्ट, शहर के 29 इलाकों में पीने के पानी मे मिला मानक से ज्यादा यूरेनियम
कानपुर शहर में लगातार बीमारी पैर पसार रही है। डायरिया, वायरल और पेट के रोगी अस्पतालों में बढ़ते जा रहे हैं। जब यह बात सामने आई कि उन इलाकों में दूषित पानी…
न्यूज जंगल डेस्क: कानपुर शहर में लगातार बीमारी पैर पसार रही है। डायरिया, वायरल और पेट के रोगी अस्पतालों में बढ़ते जा रहे हैं। जब यह बात सामने आई कि उन इलाकों में दूषित पानी की वजह से यह बीमारी फैल रही है, तो कानपुर आईआईटी ने शहर भर में पानी की जांच के लिए 172 हैंड पंप के पानी की जाज अलग-अलग इलाकों से की। जब रिपोर्ट सामने आई, तो उसने चिंता बढ़ा दी। दरअसल इस पानी में यूरेनियम की मात्रा मानक से 8 गुना ज्यादा निकली है, जो इंसानी शरीर के लिए बेहद खतरनाक है।
कानपुर आईआईटी के अर्थ साइंस विभाग के प्रोफेसर इंद्र शेखर सेन और उनकी टीम ने कानपुर नगर और कानपुर देहात में अलग-अलग स्थानों पर लगे सरकारी हैंड पंप के पानी के सैंपल लेकर जांच की, जिसमें 29 स्थानों में यूरेनियम अधिक पाया गया हैं। शहर में सबसे खराब स्थिति चकेरी इलाके की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1 लीटर पानी में 30 माइक्रोग्राम से ज्यादा यूरेनियम नहीं होना चाहिए, लेकिन चकेरी इलाके के पानी में 1 लीटर जल में 253.29 माइक्रोग्राम यूरेनियम पाया गया है प्रोफेसर के मुताबिक भूगर्भ जल में यूरेनियम का मिलना बहुत घातक है और यह इंसानों के शरीर में धीरे धीरे नुकसान पहुंचाता है।
शहर के सिहारी घाटमपुर ,रहीमपुर में यूरेनियम की मात्रा 100 माइक्रोग्राम से अधिक है और नानकारी ,चौबेपुर ,झींझक खानपुर ,काकादेव इलाके में पानी में यूरेनियम की मात्रा 45 से अधिक है। जब इलाके के लोगों से बात की गई तो मालूम हुआ कि, यहां लगातार गंदा पानी भी आता है। इसकी शिकायत की जाती है, लेकिन कोई भी सुनने वाला नहीं है।
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने जांच में पानी में जिस तरह से यूरेनियम पाया गया है उस पर कहा कि कानपुर नगर और कानपुर देहात गंगा के किनारे बसे हैं। गंगा में जो जल हिमालय से कई तरह की धातु लेकर मैदानी क्षेत्रों में आती है साथ ही औद्योगिक इकाइयों का अपशिष्ट व कीटनाशकों का छिड़काव भी भूगर्भ जल में इस तरह से यूरेनियम की मात्रा बढ़ा रहा है। इसको लेकर कई बार शोध भी किया जा चुका है।
जानकारों का कहना है जहां जहां पानी में यूरेनियम मिल रहा है वहां के लोगों को फिल्टर पानी पीना चाहिए उन्होंने कहा कि पानी उबालकर तो बिल्कुल भी ना पिया जाए। यह और भी घातक हो सकता है। पानी उबालने से यूरेनियम खत्म नहीं होगा, बल्कि पानी कम हो जाएगा और यूरेनियम की मात्रा उतनी ही रहेगी।
रोहित निगम की रिपोर्ट
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