साइबर अटैक रोकने की जिम्मेदारी दी गयी आईआईटी कानपुर को

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न्यूज जंगल नेटवर्क, कानपुर : 12 अक्टूबर 2020 को मुंबई शहर में अचानक बिजली चली गई थी। ग्रिड फेल हो जाने की वजह से लोकल ट्रेनें जहां थीं, वहीं रुक गई थीं। कोरोना जैसी महामारी के दौरान इमरजेंसी जनरेटर चला कर मरीजों को वैंटिलेटर पर रखना पड़ा था। इसकी वजह से आर्थिक गतिविधि पर भी बड़ा असर पड़ा था। जांच में यह पता चला कि ग्रिड पर साइबर अटैक हुआ था। यह अटैक किसी और ने नहीं, बल्कि चीन सरकार से संबद्ध एक समूह ने मालवेयर के जरिए करवाया था।

ऐसे अटैक को रोकने की जिम्मेदारी अब भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने आईआईटी कानपुर को दी है। IIT अब बिजली, पानी, गैस, तेल और अन्य सार्वजनिक संसाधनों पर साइबर हमले रोकने का फुल प्रूफ प्लान बना रहा है। यहां इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। संस्थान को डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर साइबर सिक्योरिटी की जिम्मेदारी मिली है। तकनीक और स्टार्टअप को डिपार्टमेंट की ओर से फंड मिलेगा। बेहतर तकनीक को एक करोड़ रुपए की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।

क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा अब करेगा IIT कानपुर
जैसा कि हम जानते है कि इस इंटरनेट क्रांति के दौर में साइबर क्राइम की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। चाहे वह इंटरनेट मीडिया पर सोशल अकाउंट हो या फिर वित्तीय मामले, हैकर अकाउंट नंबर, पिन और पासवर्ड में छेड़छाड़ कर कई घटनाओं को अन्जाम दें रहे हैं। डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने इस समस्या को देखते हुए देशभर में 16 साइबर सिक्योरिटी हब बनाए गए। इनकी जिम्मेदारी विभिन्न संस्थानों को दी गई है। IIT कानपुर को क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का जिम्मा दिया गया है। इसके तहत बिजली के ग्रिड, देश के डैम से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा, गैस पाइपलाइन, तेल की रिफाइनरी और इससे तरह के अन्य संस्थान IIT कानपुर की निगरानी में रहेंगे। इसके तहत विभिन्न कंपनियां अपनी तकनीक, शोध और खोज को प्रदर्शित करेंगी। उनको 34 लाख रुपए दिए जाएंगे।

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IIT कानपुर की 31 कंपनियों का हो चुका है चयन
IIT कानपुर के स्टार्टअप इनोवेशन इंक्यूबेशन सेंटर के इंचार्ज प्रोफेसर अमिताभ बंद्योपाध्याय ने जानकारी देते कहा, “IIT कानपुर की 31 स्टार्टअप कंपनियों का चयन कर लिया गया है। अन्य हब में कंपनियों की तलाश जारी है। कुछ बेहतर कंपनियों को एक करोड़ रुपए की अतिरिक्त सहायता की जाएगी।”

क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल और प्रो. संदीप शुक्ला के निर्देशन में होगा काम
सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी एंड साइबर डिफेंस ऑफ क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल और प्रो. संदीप शुक्ला के निर्देशन में यह कंपनियां काम करेंगी। उनकी तकनीक को और बेहतर बनाने के लिए सेंटर के अन्य विशेषज्ञ सहयोग भी करेंगे।

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