अज्ञात और छिपे हुए शत्रुओं को यदि देनी है मात तो आचार्य चाणक्य की जान लें ये बात.

0

चाणक्य नीति के अनुसार शत्रु जब छिपकर वार करे और दिखाई न दे तो इसे कतई हल्के में नहीं लेना चाहिए. ये अधिक घातक होता है और जरा सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है.

न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : चाणक्य नीति के अनुसार शत्रु कैसा भी हो उसका मकसद सिर्फ और सिर्फ हानि पहुंचाना ही होता है. शुत्र को कभी कमजोर समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. चाणक्य नीति के अनुसार शत्रु जब दिखाई न दे यानी अदृश्य होकर हमला करने की कोशिश करे तो अधिक सचेत रहना चाहिए.

रोग, अवगुण भी मनुष्य के शत्रु हैं इनसे भी सावधान रहें
चाणक्य नीति के अनुसार शत्रु मनुष्य के रूप में ही हमला नहीं करता है. बल्कि रोग, बीमारी और अवगुण भी एक शत्रु की तरह हैं जो दिखाई नहीं देते हैं लेकिन नुकसान एक शत्रु की तरह ही करते हैं. इसलिए इससे सावधान रहना चाहिए.

छिपे हुए शत्रु अधिक घातक होते हैं
चाणक्य नीति के अनुसार शत्रु जब छिपकर वार करे और दिखाई न दे तो इसे कतई हल्के में नहीं लेना चाहिए. ये अधिक घातक होता है और जरा सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है.

चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार हर सफल व्यक्ति के ज्ञात और अज्ञात शत्रु होते हैं. इनसे हर समय सावधान रहना चाहिए.

शत्रु को अनदेखा करने की भूल न करें
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति की कुशलता, योग्यता और प्रतिभा की परीक्षा संकट के समय ही होती है. शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझे की भूल नहीं करनी चाहिए. शत्रु पर सदैव नजर रखनी चाहिए और किसी भी स्थिति के लिए स्वयं को तैयार रखना चाहिए. चाणक्य नीति कहती है कि संकट आने पर व्यक्ति को हौसला नहीं खोना चाहिए.

हिम्मत कभी न हारें
चाणक्य नीति कहती है कि शत्रु को मात देने के लिए कठोर संघर्ष करने पड़े तो करना चाहिए. संघर्ष करने से घबराना नहीं चाहिए. जो लोग संषर्घ करने से घबराते हैं वे पराजय का मुंह देखते हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार संकट कभी बताकर नहीं आता है. जो व्यक्ति किसी भी स्थितियों का सामना करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं और सावधान की स्थिति में रहते हैं वे अवश्य सफल होते हैं. 

हर परिस्थिति के लिए खुद तैयार रखें
चाणक्य नीत के अनुसार किसी भी प्रकार का संकट हो, व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए. संकट से बचने के लिए विशेषज्ञ और जानकार लोगों द्वारा बताए गए उपायों को अपनाना चाहिए. इसके साथ ही अपनी प्रतिभा और ज्ञान का प्रयोग स्वयं और दूसरों को बचाने के लिए भी करना चाहिए.

  ये भी पढ़ेंः किडयूरो प्री स्कूल के बच्चों ने मनाया नवरात्रि महोत्सव

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *