‘राजीव गांधी के हत्यारे छूट गए, तो मुझे भी रिहा करो’..सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार

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श्रद्धानंद के वकील वरुण ठाकुर ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष दलील दी कि दोषी को हत्या के लिए एक भी छूट या पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह पहले ही 29 साल जेल में बिता चुका है, यहां तक ​​कि एक दिन की पैरोल भी नहीं ली है.

News Jungal Desk :- स्वामी श्रद्धानंद, जो संपत्ति के लिए अपनी पत्नी की हत्या के मामले में दोषी है और उनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. उसने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी रिहाई के लिए गुहार लगाई और राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों के साथ समानता की मांग की, जिन्हें हाल ही में रिहा कर दिया गया था. द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक श्रद्धानंद के वकील वरुण ठाकुर ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष दलील दी कि दोषी को हत्या के लिए एक भी छूट या पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह पहले ही 29 साल जेल में बिता चुका है, यहां तक ​​कि एक दिन की पैरोल भी नहीं ली है.

अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने शीर्ष अदालत के समक्ष अपना तर्क दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सभी दोषी 30 साल की कैद के बाद पैरोल पर रिहा कर दिए गए हैं, जबकि 1991 में हुए श्रीपेरुम्बुदुर हुए बम विस्फोट में 16 लोग मारे गए थे और 43 घायल हुए थे. श्रद्धानंद के वकील ने कहा कि ‘यह समानता के अधिकार के उल्लंघन का एक उत्कृष्ट मामला है’. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ सुनवाई के लिए याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने पर सहमत हुई.

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