अयोध्या से भी जुड़ा है श्री कृष्ण का इतिहास, जानें श्री कृष्ण की ये अनोखी कहानी

0

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भले ही मथुरा में हुआ था लेकिन अयोध्या से भी काफी गहरा नाता है । इसका प्रत्यक्ष प्रमाण कनक भवन में महाराज विक्रमादित्य द्वारा संरक्षित शिलापट्टों से देखा जा सकता है

News jungal desk :– पूरे देश में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम है और राम की नगरी में ” जग में सुंदर हैं दो नाम- चाहे कृष्ण कहो या राम” यह भजन हर मठ-मंदिरों में गूंज रहा है । और जी हां, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भले ही मथुरा में हुआ हो. लेकिन अयोध्या से भी काफी गहरा नाता है । और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण कनक भवन में महाराज विक्रमादित्य द्वारा संरक्षित शिलापट्टों से देखा जा सकता है ।

धार्मिक शास्त्रों में दर्ज है कि माता सीता को कनक भवन मुंह दिखाई में मिला था । और आज से करीब 2 हजार वर्ष पूर्व महाराजा विक्रमादित्य ने भी कनक भवन का जीर्णोद्धार कराया था । और उस दौरान शिलापट्टों को संरक्षित करवाया था. संरक्षित शिलापट्टों को देखें तो साफ पता चलता है कि भगवान श्री कृष्ण जरासंध का वध करने के बाद अयोध्या आए थे. इस दौरान उन्होंने कनक भवन को देखा. जो एक टीले की शक्ल में सिमट कर रह गया था. शिलापट्टों पर लिखे श्लोकों से स्पष्ट हो जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इस शिला पर आनंद का अनुभव किया. इसके बाद उन्होंने कनक भवन के जीर्णोद्धार कराने का फैसला किया था ।

भगवान श्रीकृष्ण ने कराया था कनक भवन का जीर्णोद्धार
ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने ही कनक भवन का जीर्णोद्धार कराया और वहां पर राम और माता सीता की मूर्ति की स्थापना भी करी थी वहीं, पौराणिक मान्यता के अनुसार, कनक भवन राजा दशरथ ने रानी कैकेई को प्रदान किया था. जिसके बाद में रानी कैकेई ने यह भवन माता सीता को मुंह दिखाई में दिया था ।

राम-कृष्ण में है शाश्वत संबंध
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि राम और कृष्ण का एक दूसरे के साथ सास्वत संबंध है. दोनों भगवान विष्णु के अवतार के पुरुष हैं. आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि पूरे जग में दो ही नाम चलते हैं. एक तो भगवान राम और दूसरे भगवान कृष्ण. इन दोनों ने राक्षसों के नाश के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया था ।

Read also : Hardoi: मकान के पीछे कूड़ा फेंकने गई महिला को अज्ञात हमलावरों ने मारी गोली, महिला की हालत गम्भीर

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed