हार्टफुलनेस : योगासन, प्राणायाम, एवं सैद्धांतिक प्रक्रिया का सभी ने अभ्यास किया
हार्टफुलनेस ध्यान योग पध्दति ह्रदय आधारित है , ये चार अभ्यसों पर आधारित है । रिलैक्सेसन तकनीक से हम शरीर का शिथिलीकरण करते है । यह हमे किसी भी कार्य को बेहतर तरीके से करने को तैयार करती है ।
न्यूज़ जंगल डेस्क कानपुर : हार्टफुलनेश मेडिटेशन सेंटर, दयानंद विहार में 200 प्रतिभागियों ने एक छत नीचे ध्यान किया
कानपुर में हार्टफुलनेश मेडिटेशन सेंटर, दयानंद विहार में उत्साह पूर्ण वातावरण में 200 प्रतिभागी भाई, बहनों ने योगासन, प्राणायाम, तनाव मुक्ति अभ्यास व ध्यान की व्यावहारिक एवं
सैद्धांतिक प्रक्रिया का सभी ने अभ्यास किया। इस मौके पर विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. वीएन त्रिपाठी ने जीवन शैली, खाद्य-अखाद्य भोजन, उसकी मात्रा, शाकाहार, मांशाहार का प्रभाव, ध्यान, योग का शरीर, मन व आत्मा पर पड़ने वाले प्रभाव पर वार्ता दी।डा. केके त्रिपाठी ने फिजिकल अनोटामी व आध्यात्मिक अनोटामी पर व्यख्यान दिया। हार्टफुलनेस संस्था की कानपुर की
केन्द्र संयोजक एवं ध्यान प्रशिक्षक शालिनी श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को ‘हार्टफुलनेस वे’ पुस्तक भेंट की।
चार अभ्यासों पर आधारित है-हार्टफुलनेस
हार्टफुलनेस धयान योग पध्दति ह्रदय आधारित चार अभ्यसों पर आधारित है । रिलैक्सेसन तकनीक से हम शरीर का शिथिलीकरण करते है । यह हमे किसी भी कार्य को बेहतर तरीके से करने को तैयार करती है । सुबह के टाइम नियमित ध्यान से हम खुद को केंद्रित करना सीखते है । इससे शांति मिलती है । इस योग से हम परेशान व उत्तेजित करने वाले विचारों से मुक्त होना सीखते है . यह हमारे निद्रा चक्र को सुधारता है .प्रार्थना हमें अपने ईष्ट से जुड़े रहने में सहयोग करती है । इन चारों तकनीक का अभ्यास आज की भागमभाग वाली जिंदगी में जरुरी है ।
यह भी पढ़े : कानपुर के बीएन एस डी काॅलेज में धूमधाम से मनाया गयाअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस