सिर्फ एक फोटो के चलते पूरे शहर की बदनामी, कितना सच-कितना झूठ जानें

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रिपोर्ट शीनू त्रिपाठी आखिर आज हम सब जो हमेशा से सुनते आए वो बात सच साबित होते हुए देख भी लिया ।कहते है ना की सौ अच्छाई करो लेकिन अगर एक बुराई का काम आपने कर दिया या फिर भले ही वो आपसे गलती से हो गया हो लेकिन आपके वो पुराने सौ अच्छे कामों को भुला दिया जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ कानपुर महानगर के साथ भी ,जो हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ है इस महानगर में ऐसा कुछ भी नही है जो आपको न मिले
और जो आज के जमाने के लिए और आने वाले जमाने के लिए बेहद जरूरी है उसके लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाना वाला कानपुर आज एक छोटी सी चीज के लिए बदनाम किया जा रहा है। या ये कहे की हो गया।


जैसा कि इस समय महानगर के ग्रीन पार्क में टेस्ट मैच चल रहा है इसी बीच कल एक व्यक्ति की गुटका खाए हुए एक फोटो वायरल हुई है जिसमें लोग कानपुर के लिए अलग-अलग तर्क बना रहे हैं साथ ही कानपुर का मजाक उड़ा रहे हैं।
क्या यह मजाक उड़ाने वालों में एक भी व्यक्ति वह शामिल नहीं है जो गुटखा ना खाता हो या फिर क्या इस बदनामी का जिम्मेदार सिर्फ वही व्यक्ति है।
कही न कही इन बदनामी के लिए हमारा पूरा सिस्टम भी जिम्मेदार है। आज ग्रीन पार्क में अधिकतर पोस्टर सिर्फ गुटखे के एड के लगे है।
जब बड़े बड़े राजनेता इन कंपनियों को चला रहे है, हमारा प्रशासन इसमें बैन नहीं लगा रहा है। तो सिर्फ खाने वाला व्यक्ति ही बदनाम क्यों हो रहा है।
जब राजा ही अपनी इनकम पर ध्यान दे रहा है तो प्रजा के हांथ में क्या है? कुछ भी नहीं।
सिर्फ एक चीज में कानपुर जैसे महानगर की बदनामी करने वाले तो बहुत मिल गए।
लेकिन क्या उन्होंने कभी कानपुर का इतिहास देखा है कि दुनिया के कितने लोग कानपुर में शिक्षा लेने आते है।
शिक्षा का हब माने वाले कानपुर को लोग अगर इस तरह से बदनाम करेंगे तो कानपुर की क्या छबि बन जायेगी पूरी दुनिया के सामने।
ये उन लोगो को विचार करना चाहिए।
सिर्फ शिक्षा ही नहीं तकनीकी से लेकर क्रिकेट तक। आईआईटी से लेकर एचबीटीआई तक है कानपुर में।कानपुर को क्रिकेट की नर्सरी माना जाता है। तो वही अच्छे अस्पतालों और भगवान जैसे डॉक्टर भी इस कानपुर में। जो आपके असंभव से असंभव केस को हल कर देते है और आपको एक नया जीवन दान देते है। हमारे और आपके जीवन में कोई न एक केस ऐसा आया होगा जिसमे यदि किसी व्यक्ति के उपचार के लिए आपसे सलाह मांगी गई होगी तो अपने पहला नाम कानपुर का दिया होगा।
अगर आप इतिहास उठा कर देखेंगे तो आज भी कानपुर को उद्योगों का मुकुट माना जाता है।अच्छे खाने के लिए प्रसिद्ध है, और चमड़े के लिए तो फेमस ही है।इस कानपुर में और न जाने कितनी अच्छाइयां है लेकिन लोगो ने इन अच्छाइयों को किनारे करके, बस एक बुराई देख ली इन महानगर की ,और लग गए उसके ही आधार पर मजाक बनाने में और अपनी राय बनाने में।

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क्या मात्र इकलौता कानपुर शहर है जिसमे लोग गुटखा खाते हो? तो ऐसा नहीं है और भी अधिकतर सभी शहरों में गुटखे का प्रचलन खूब है हां लेकिन बदनाम सिर्फ कानपुर ही हैकानपुर को पूर्व का मैनचेस्टर कहा जाता है।कानपुर में कई मीले है। लेकिन इन सब गुणों को लोगो ने एक झटके में अनदेखा कर एक गलती के लिए बदनाम करने में लगे है।

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