Supreme Court द्वारा 10% EWS फैसले पर मुहर लगाने को लेकर छिड़ी बहस, RJD और SP को दिखा मौका….

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सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलने वाले 10 % EWS आरक्षण पर मुहर लगा दी है, लेकिन अभी यह मसला थमता नहीं दिख रहा है। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK का कहना है कि….

Political Desk: सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलने वाले 10 % EWS आरक्षण पर मुहर लगा दी है, लेकिन अभी यह मसला थमता नहीं दिख रहा है। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK का कहना है कि वह इस फैसले के खिलाफ एक बार फिर से पुनर्विचार याचिका डालेंगे। बता दे कि SC ने जिन अर्जियों पर फैसला दिया है, उनमें से एक याचिका DMK की भी थी। वही अब तमिलनाडु के सिंचाई मंत्री और DMK के महासचिव ने कहा कि पार्टी की ओर से फैसले के खिलाफ अर्जी दी जाएगी। उनका कहना है कि यह फैसला समानता के सिद्धांत के खिलाफ है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।

ज्यादा है 8 लाख रुपये की सीमा
इतना ही नहीं इस मसले पर कुछ और कानूनी पेचों पर शीर्ष अदालत का रुख किया जा सकता है। इनमें से एक पहलू EWS कोटे के लिए 8 लाख रुपये की सालाना आय की सीमा का भी है। वही SC ने इस पर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों इसे अतार्किक करार दिया था। आरक्षण की 50 % सीमा को लेकर भी अर्जी डाली जा सकती है। इस कोटे ने उस लिमिट को खत्म करने की आधारशिला रखी है या नहीं। इसके अलावा EWS कोटे को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि यदि यह सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए है तो फिर आय की सीमा 8 लाख रुपये ज्यादा है, इसे कम किया जाना चाहिए।

SP व RJD को मिला मौका
सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण को मंजूरी के बहाने कुछ राजनीतिक दलों ने जातीय जनगणना की चर्चा एक बार फिर से शुरू कर दी है। बिहार सरकार में शामिल RJD ने कहा कि इस फैसले ने हमारी जातीय जनगणना की मांग को वैधता प्रदान की है। साथ ही पार्टी ने कहा कि OBC वर्ग को उसकी आबादी के अनुपात में अधिक आरक्षण दिया जाना चाहिए। वही पार्टी नेता मनोज झा ने कहा कि यह बंटा हुआ फैसला है और इसमें पुनर्विचार का स्कोप है। इससे इंदिरा साहनी केस में आए फैसले का असर भी खत्म होता है, जिसमें आरक्षण के लिए 50 % की लिमिट तय की गई थी। हमें अब OBC वर्ग को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण देना चाहिए।

झारखंड में 77 % आरक्षण का प्रस्ताव पास
SC के फैसले ने देश में आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने को लेकर बहस तेज की है। वही अब झारखंड सरकार का कहना है कि उसने तो कैबिनेट से पहले ही 77 % तक के आरक्षण का प्रस्ताव पास किया है। इसके अलावा SP ने कहा कि हमने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण का समर्थन किया था। अब OBC वर्ग की गिनती का काम भी होना चाहिए। बता दें कि बिहार में पहले से ही जातीय जनगणना जारी है। अब RJD की मांग है कि केंद्र सरकार को भी जातीय जनगणना करानी चाहिए।

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