37 करोड़ से बने न्यू प्लेयर्स पैवेलियन की खामिया के पीछे है षडयंत्र

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न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर ग्रीन पार्क में 37 करोड़ रूपए से बने न्यू प्लेयर्स पैवेलियन में अब कई खामियां सामने आई है। इन खामियों के पीछे एक षडयंत्र नजर आ रहा है जो कि खेल विभाग के पूर्व कमचारियों द्वारा रचा गया था। उन लोगों ने इसके निर्माण के समय खेल विभाग के पूर्व कर्मचारियों ने इसे अपने हिसाब से बनवाया था। चर्चा हैं कि कमीशनबाजी का बड़ा खेल हुआ है। नक्शा निर्माण से लेकर भूमि पूजन तक निर्माण एजेंसी के साथ काम होता रहा। करोड़ों के निर्माण के बाद इतने सालों बाद इसमें सिर्फ कमियां ही खामियां ही दिखने लगी है।

क्या क्या खामियां है इसमें
जो खामियां इस नए बने पवेलियन में पाई गई हैं वह मैदान पर पड़ने वाली लाइटों की छाया से लेकर डाइनिंग हॉल में जाने वाली सीढ़ियां हैं। सबसे खास बात पवेलियन बिल्डिंग में निर्माण एजेंसी सीवर का कनेक्शन ही करना भूल गई। बीते डेढ़ साल पूर्व जब निर्माण एजेंसी ने खेल विभाग को नवनिर्मित पवेलियन को हैंडओवर किया था। तब जिम्मेदार आँखें मूंदे रहे। चर्चा है कि इसमें जो सामग्री लगी हुई है उसकी भी क्वालिटी काफी खराब है। अब यहां होने वाले मैच की वजह से यह सब खामियां यूपीसीए के सामने आ रही है।

क्या है पूरा मामला
साल 2017 में इस न्यू प्लेयर्स पवेलियन को बनाने का काम शुरू खेल विभाग ने निर्माण एजेंसी आवास विकास को सौंपा। खेल विभाग और निर्माण एजेंसी की मिलीभगत और कमीशन बाजी के चक्कर में यहां जो काम बताये गए थे और जो नक्शा बना था वो तो पूरे हुए लेकिन उस हिसाब से नहीं जो यूपीसीए की गाइडलाइन्स थी। 2019 में आवास विकास निर्माण एजेंसी ने पवेलियन को खेल विभाग को हैंडओवर कर दिया। अब ढाई साल बाद इंटरनेशनल मैच मिलने के बाद जब पवेलियन का इस्तेमाल शुरू हुआ तो पता चला कि बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर में सिवेज का पानी भरा है और पवेलियन की सीवर लाइन को मैन लाइन से निर्माण करने वाली कंपनी जोड़ना ही भूल गयी।

अब यूपीसीए पवेलियन को अपने हिसाब से करा रहा है संशोधित
अब चूंकि यूपीसीए को इस पवेलियन की आवश्यकता आने वाले मैच के लिए पड़ी है तो संघ ने उसे खिलाड़ियों के लिए अपने हिसाब से संशोधित करवाना शुरू कर दिया है। इस हो रहे संशोधन के बाद खेल विभाग को इन खामियों को उजागर करने का मौका मिल गया है और वह उन्हें गिनाकर उजाकर करने लगे जिससे पहली वाली निर्माण एजेंसी पर की प्रतिष्ठा पर कोई चोट न लगे।

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पवेलियन के हैंडओवर को लेकर भी हुआ था विवाद
पवेलियन को हैंडओवर करने के लिए भी खेल विभाग और यूपीसीए के बीच काफी विवाद हुआ था। जिसे डीएम और मंडलायुक्त ने सुलझाया था। विवाद की मुख्य वजह खेल विभाग भी इस होने वाले मैच का हिस्सा बनना चाह रहा था लेकिन उसे यह मौका नहीं मिल पाया।

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