कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि उपचुनाव के लिए समय नही है कई और भी काम है

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बृजलाल खाबरी ने कहा कि ये उपचुनाव का समय नहीं है. हमारे पास उपचुनाव के लिए समय नहीं है. और भी चुनाव है. हमारे पास तमाम और भी काम है. संगठन का काम है. अगर हम उपचुनाव लड़ते हैं तो हमारा अमला महीने भर के लिये वहां लग जायेगा. हमें इस सरकार का रवैया मालूम है, और हम जिला पंचायत चुनाव में भुगत चुके है. ये अपनी बदनामी के डर से हर तरीके से हर सीट को अपने पक्ष में करना चाहते है ।

न्यूज जंगल पॉलिटिकल डेक्स :- उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की लाख कोशिशों के बाद भी कोई खास सुधार होता हुआ नहीं दिख रहा है । 5 दिसंबर को प्रदेश में होने वाले लोकसभा और विघानसभा के उपचुनावों में जीत के लिए एक ओर जहां सत्ताधारी बीजेपी और मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दिया है तो वही दूसरी ओर लंबे समय से हाशिये पर चल रही कांग्रेस ने एक के बाद एक मिल रही करारी शिकस्त को देखते हुए उपचुनावो से पहले ही अपने घुटने टेक दिया हैं ।

यूपी कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी नें बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय पर अपनी पहली प्रेस कांफ्रेस में आगामी उपचुनावों को लेकर बेतुका बयान दे दिया है । उन्होंने कहा कि “ये उपचुनाव का समय नहीं है और हमारे पास उपचुनाव के लिए समय नहीं है । और भी चुनाव है हमारे पास तमाम और भी काम है और संगठन का काम है कि अगर हम उपचुनाव लड़ते हैं तो हमारा अमला महीने भर के लिये वहां लग जायेगा और हमें इस सरकार का रवैया मालूम है कि और हम जिला पंचायत चुनाव में भुगत चुके है और ये अपनी बदनामी के डर से हर तरीके से हर सीट को अपने पक्ष में करना चाहते है । हम आगामी नगर निकाय का चुनाव लड़ने को तैय़ार भी है । ये उपचुनाव बीच में क्यों कराये जा रहे है? और इन्हें आगे-पीछे भी कराया जा सकता है और लेकिन इसे नगर निकाय चुनाव को प्रभावित कराने के लिये कराया किया जा रहा है ।

हम गोपनीय तरीके से जमीन पर कर रहे है तैयारी
प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के सवाल पर बोलते हुए कहा कि ‘ये फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा और क्योंकि ये उत्तर प्रदेश का अकेला विषय नहीं है । बल्कि पूरे देश का है । और हर राज्य में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे या गठबंधन के साथ लड़ेंगे? और गठबंधन के निर्णय आवश्यकता के अनुसार लिये जाते हैं और जहां आवश्यकता होगी वहां केन्द्रीय नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, उसे हम सभी लोग मानेंगे और हम जिस तरह से पहले तैयारी करते आये है, ठीक इसी तरह हम फिर तैयारी कर रहे है और हम गोपनीय तरीके से जमीन पर तैयारी कर रहे है ।

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