मौसम की मार से बेहाल प्याज का उत्पादन घट रहा है और बाजार में सप्लाई कम होने से इसकी कीमतों में लगातार उछाल आता दिख रहा है. इस बीच आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया है, ताकि खुदरा बाजार में इसकी कीमतों को थामा जा सके. इसके अलावा चीनी और गेहूं की कीमतों को थामने के लिए भी फैसला किया गया है.
News jungal desk : बेमौसम बारिश और उत्पादन में कमी से प्याज की बढ़ती कीमतों का शोर सरकार तक भी पहुंच गया है । आम आदमी की थाली पर ज्यादा असर न पड़े इसके लिए सरकार ने तत्काल प्रभाव से बड़ा फैसला किया है । सरकार ने कहा है कि मार्च, 2024 तक प्याज के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगाई जाती है । इस दौरान एक भी प्याज देश के बाहर नहीं जाना चाहिए । और ताकि घरेलू बाजार में इसकी सप्लाई बनी रहे और कीमतों में उछाल न आने पाए. इसके अलावा चीनी और गेहूं पर भी सरकार ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है ।
विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि प्याज की निर्यात पॉलिसी में थोड़ा बदलाव किया जा रहा है । इसके तहत 31 मार्च, 2024 तक देश के बाहर प्याज के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगाई जाती है । और इसके साथ ही चीनी की बढ़ती कीमतों पर भी सरकार ने काबू पाने के लिए मिलों को आदेश जारी किए हैं ।
पहले तय की थी निर्यात की कीमत
प्याज निर्यात पॉलिसी में इस बदलाव से पहले सरकार ने इसकी न्यूनतम कीमत तय की थी. इसके तहत 29 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) 800 डॉलर प्रति टन रखा गया था. इसका खुदरा भाव देखें तो प्याज की निर्यात कीमत 67 रुपये प्रति किलोग्राम रखी गई थी. प्याज की कीमत बीते एक महीने में ही 58 फीसदी बढ़ चुकी है.
3 कंडीशन में निर्यात पर छूट
सरकार ने साफ कर दिया है कि 3 स्थितियों में निर्यात की छूट दी जा सकती है. पहली तो जो कंसाइनमेंट इस नोटिफिकेशन के पहले ही शिप पर लोड हो चुके हैं अथवा उनके बिल जमा किए जा चुके हैं. दूसरा, जिन कंसाइनमेंट के पेपर कस्टम को दिए जा चुके हैं या उनका रजिस्ट्रेशन हो चुका है. तीसरा जिनके पेपर अभी सिस्टम में वेरिफिकेशन के लिए रखे हैं, उन्हें भी निर्यात की छूट रहेगी.
चीनी के लिए एथनॉल पर रोक
सरकार ने दूसरा बड़ा फैसला चीनी की कीमतों को थामने के लिए किया है. अनुमान है कि इस साल चीनी का उत्पादन 8 फीसदी कम हो सकता है, जिससे खुदरा बाजार में इसके भाव बढ़ने का संकट है. इससे निपटने के लिए सरकार ने एथनॉल उत्पादन पर फिलहाल रोक लगा दी है. अभी देश में हर साल करीब 35 लाख टन चीनी उत्पादन के बराबर गन्ने का इस्तेमाल एथनॉल बनाने में होता है. फिलहाल शुगर मिल को एथनॉल बनाने के लिए गन्ने के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है.
गेहूं के लिए खोला भंडार
खुदरा बाजार में गेहूं की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं. इस पर काबू पाने के लिए सरकार ने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) से कहा है कि बाजार में बड़ी मात्रा में गेहूं रिलीज करे, ताकि खुदरा कीमतों पर काबू पाया जा सके. गेहूं और आटे की बात करें तो खुदरा बाजार में इस समय आटे का भाव 40 रुपये किलोग्राम से ऊपर पहुंच गया है.
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