मुस्लिमों में बहुविवाह, निकाह हलाला और मुताह पर बैन लगाने से संबंधित सुप्रीम कोर्ट की अहम सहमति

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मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह, निकाह हलाला और मुताह पर बैन लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने संविधान पीठ का जल्द गठन करने की अहम सहमति दे दी है। हालांकि, अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं हो पाई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जल्द ही मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह, निकाह हलाला और मुताह के मामलों से संबंधित सुनवाई के लिए तारीख का ऐलान किया जाएगा।

News Jungal national desk: दरअसल, याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से एक याचिका दायर की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है। याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह, निकाह हलाला, और मुताह प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया है कि मुस्लिमों में प्रचलित ये प्रथाएं अवैध एवं असंवैधानिक हैं।

क्या कहा गया है दायर याचिका में

याचिका में कहा गया है कि निकाह हलाला की प्रथा में एक तलाकशुदा महिला को पहले किसी और व्यक्ति से शादी करनी होती है। इसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अपने पहले पति से फिर शादी करने के लिए तलाक लेना पड़ता है। दूसरी तरफ बहुविवाह एक ही समय के दौरान एक से अधिक पत्नी या पति होने की प्रथा है।

याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका में कोर्ट से बहुविवाह और ‘निकाह हलाला’ को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का आग्रह किया है। ज्ञात हो कि शीर्ष अदालत ने जुलाई 2018 में उनकी याचिका पर विचार किया था और इस मामले को संविधान पीठ को सौंप दिया था, जो पहले से ही ऐसी ही याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।

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