जन आक्रोश यात्रा को बीजेपी ने बताया भारत जोड़ो यात्रा का जवाब
राजस्थान बीजेपी की ओर से निकाली जा रही जन आक्रोश यात्रा को लेकर पार्टी उत्साहित है. पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) का दावा है कि यह यात्रा बेहद सफल रही है. इस यात्रा के दौरान पार्टी को गहलोत सरकार के खिलाफ जनता में काफी आक्रोश देखने का मिला है ।
Political Desk : राजस्थान में बीजेपी की जन आक्रेाश यात्रा जारी है । और भाजपा इसे भारत जोड़ो यात्रा का करारा जवाब बता रही है । प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का दावा है कि अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ धरातल पर जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर है । और इसका खामियाजा गहलोत सरकार को उठाना पड़ेगा. हालांकि बीजेपी में गुटबाजी और नेताओं में मुख्यमंत्री का चेहरा बनने की होड़ मची है लेकिन इन सबके बीच पार्टी जन आक्रोश सभायें करने में जुटी हुयी हैं । और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं । और कार्यकर्ताओं की कहीं पर भारी भीड़ उमड़ रही है,तो कहीं पर पूनियां को कंधों पर उठाकर लोग सभास्थल तक ला रहे हैं ।
लोगों के जोश से उत्साहित पूनिया का दावा है कि बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा और इसकी सभाओं को एतिहासिक सफलता मिली है । और किसान कर्जमाफी, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी ऐसे मुददे हैं जिनसे राजस्थान की जनता त्रस्त है । और पूनिया का दावा है कि अब तक पार्टी ने 61 हजार नुक्कड़ सभायें और चौपाल आयोजित करी है । और घर घर जाकर नेताओं ने 92 लाख पत्रक बांटे हैं । और आम जनता की 14 लाख शिकायतें संकलित करी गई हैं । और यही नहीं पूनिया ने अब तक प्रदेश की 2 करोड़ जनता से पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का सीधा संपर्क होने का दावा करा है ।
1 दिसंबर को शुरू हुई थी जन आक्रोश यात्रा
बीजेपी ने बीते 1 दिसंबर को जन आक्रेाश यात्रा का आगाज किया गया था । और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में जन आक्रोश रथों की प्रदेशभर के लिए रवानगी हुई थी और तब से ही यात्रा का कारवां प्रदेश के कोने कोने में पहुंचा है । और मंचों पर नेताओं और कार्यकर्ताओं की भी खासी भीड़ दिखी है । लोग इसे टिकट के दावेदारों का शक्ति प्रदर्शन भी बता रहे हैं । और वहीं पार्टी इसे सत्ता के आने की आहट के तौर पर देख रही है ।
कई बड़े नेता सरकार विरोधी आंदोलन का हिस्सा बने हैं
नेता अलग अलग खेमों में बंटे जरूर हैं लेकिन इसका सरकार विरोधी आंदोलन पर कोई असर दिखाई नहीं दिया है । और पूनिया से लेकर राजेंद्र राठौड़ तक और गुलाबचंद कटारिया से लेकर ओम माथुर तक सरकार विरोधी आंदोलन का हिस्सा बने हैं. इस बीच प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह के लगातार दौरे हो रहे हैं । और नेता गहलोत सरकार की हर जगह नाकामियां गिनाते दिख रहे हैं । प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का दावा है कि गहलोत सरकार लोक लुभावनी चाहे कितनी ही घोषणायें और कर दें उसका उसे कोई फायदा नहीं होने वाला है ।
सतीश पूनिया का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है
अध्यक्ष के तौर पर सतीश पूनिया का 3 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. लेकिन अब चुनावों में एक साल से भी कम वक्त बचा है । और ऐसे में पूनिया विरोधी धड़ा नये अध्यक्ष के तौर पार्टी आलाकमान तक कई नाम पहुंचा रहा है. लेकिन जन आक्रोश यात्रा का आयोजन पूनिया के लिए फिलहाल तो लाइफलाइन बनता दिख रहा है ।
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