बिहार : सीमावर्ती इलाकों में लगातार मानसूनी बारिश होने से हालात बिगड़े
न्युज जंगल डेस्क कानपुर :–बिहार के सीमावर्ती इलाकों में लगातार मानसूनी बारिश होने से हालात बिगड़ने लगे हैं. नेपाल की सीमा से लगती नदियां उफान पर हैं. स्थानीय नदियों के साथ ही अब कोसी भी उफनाने लगी है. बाढ़ का पानी नेशनल हाइवे-327E को पार करते हुए शहरी इलाकों में घुसने लगा है. दक्षिण-पश्चिम मानसून के शुरुआती दौर में कोसी नदी के उफनाने से इलाके लोग सहम गए हैं. बाढ़ का पानी शहरों में घुसने से स्थिति के और बिगड़ने की आशंका और गहराने लगी है. शहरवासियों की चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं. मालूम हो कि मानसून फिलहाल अपने शुरुआती चरण में है. मानसून के सक्रिय होने से सीमांचल के क्षेत्रों के साथ ही नेपाल की तराई वाले इलाकों में लगातार बारिश हो रही है. इससे इलाके की छोटी-बड़ी नदियां उफान पर दिखाई दे रही हैं.
जानकारी के अनुसार, कोसी नदी के उफनाने की वजह से अररिया के शहरी इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. जिले के जीरो माइल के पास NH-327E कोसी के पानी में डूब गया है. नदी का पानी हाइवे के ऊपर से बह रहा है. इससे राहगीरों को वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जीरो माइल से चांदनी चौक जाने वाले रास्ते पर कोसी नदी का पानी चढ़ गया है. इससे इस मार्ग पर आवागमन की रफ्तार धीमी पड़ गई है. वहीं, उफनाई कोसी का पानी शहरी इलाकों में भी घुसने लगा है. शहर में पानी घुसने से आमलोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है. वहीं, बाढ़ से निपटने के स्थानीय प्रशासन के दावों की पोल भी खुल गई.
मोतिहारी-शिवहर का सड़क संपर्क टूटा
नेपाल और उससे लगते सीमाई इलाकों में लगातार बारिश से पूर्वी चंपारण में हालात बिगड़ने लगे हैं. मूसलाधार मानसूनी बारिश से लालबकेया और बागमती नदी उफान पर है. गंडक और बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पूर्वी चंपारण जिले के पताही प्रखंड क्षेत्र के देवापुर पंचायत से होकर गुजरने वाली बागमती नदी और लालबकेया नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इससे पूर्वी चंपारण को शिवहर जिले से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर पानी भर गया है और दोनों जिलों का सड़क संपर्क टूट गया है.
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किशनगंज में भी आफत
नेपाल के तराई और किशनगंज में लगातार बारिश से रतुआ, कंकाई आदि नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गई है. इससे टेढ़ागाछ प्रखंड के निचले इलाके में पानी घुस गया. टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हवा कौल, चिल्हनिया पंचायत के सुहिया गांव सहित कई अन्य गांवों में पानी भर गया. कई जगह सड़कें भी डूब गईं. नदियों को पार करने के लिए बनाए गए चचरी के पुल बह गए. ऐसे में लोग नाव के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं.