क्या बांग्लादेश से आए रोहिंग्या मुसलमानों है जहांगीरपुरी हिंसा के लिए जिम्मेदार?

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दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार शाम को हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए बीजेपी ने अवैध प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया है और जांच की मांग की है. अब सवाल उठता है कि आखिर इसकी वजह क्या है.

न्यूज जंगल नेटवर्क, कानपुर : दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार शाम को हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए बीजेपी ने अवैध प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया है और इनकी भूमिका की जांच की मांग की है. दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता और पार्टी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि, जुलूस पर हमला एक सहज घटना नहीं थी, बल्कि एक साजिश थी. दोनों ने ‘आप’ सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को पानी और बिजली क्यों मुहैया करा रही है, इन्हें इनके कनेक्शन कैसे मिल गए ? अब सवाल उठता है कि आखिर क्यों सभी इसके पीछे रोहिंग्या और अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. आइए जानते हैं.

दिल्ली बीजेपी ने पूछा सवाल

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एक वीडियो संदेश में कहा कि, वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहते हैं कि वह शहर में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को पानी और बिजली क्यों मुहैया करा रहे हैं. वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने एक ट्वीट में अवैध प्रवासियों को एक बड़ा खतरा बताया और इसकी जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि, “जो लोग उनकी रक्षा कर रहे हैं और उन्हें यहां बसने में मदद कर रहे हैं, वे एक बड़ा खतरा हैं.”

कपिल मिश्रा ने तत्काल बाहर निकालने की मांग की

दूसरी ओर आप के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि, जुलूस पर पथराव एक आतंकवादी हमला था. उन्होंने भारत से अवैध अप्रवासियों को तत्काल निष्कासित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सभी अवैध अप्रवासियों के कागजात की जांच होनी चाहिए और उन्हें तुरंत निष्कासित किया जाना चाहिए.

एनआईए कर चुकी है कई को गिरफ्तार

शनिवार को जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का पता लगाने और निर्वासन की मांग करने वाली एक याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति को ध्यान में रखते हुए दिल्ली, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने समय-समय पर उन राज्यों में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की मौजूदगी की अनदेखी की गई. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैवल एजेंटों, सरकारी कर्मचारियों और ऐसे अन्य लोगों का एक नेटवर्क है, जो प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से अवैध अप्रवासियों और घुसपैठियों को पैन कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट और वोटर कार्ड प्रदान करते हैं. यही नहीं NIA ने मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिससे रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में घुसने में मदद मिलने की बात सामने आई थी.

लगातार गलत गतिविधियों में मिली हैं संलिप्तता

मार्च में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया और एक मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया जो रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में प्रवेश करने और जाली दस्तावेजों के आधार पर बसने में मदद कर रहा था. यह गिरोह असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय और देश के अन्य हिस्सों के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय और सक्रिय था.

घायल पुलिसकर्मी ने जताया शक, इसलिए विरोध तेज 

इस हिंसा के दौरान घायल दिल्ली पुलिस के जवान मेदा लाल ने बताया कि दंगाइयों ने नारे लगाए और उनकी बोली बांग्लादेश में इस्तेमाल की जाने वाली बोली के समान थी. बता दें कि जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रहते हैं. यह पूरा इलाका संवेदनशील है.

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दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में भी मौजूद

वकालत समूह ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के अनुसार, भारत में जम्मू, हैदराबाद, नूंह और दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में शिविरों और मलिन बस्तियों में करीब 40,000 रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं. दिल्ली में यह जसोला, यमुना नदी के किनारे और अन्य जगहों पर बने रोहिंग्या कैंप में मौजूद हैं. रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ 2017 की सैन्य कार्रवाई के बाद 5,000 रोहिंग्याओं ने जम्मू में शरण ली थी. यही सब वजह है कि इस घटना में बीजेपी इनका नाम उठा रही है.

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