हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारी को होगी फांसी, तेहरान कोर्ट ने सुनाया फैसला

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Anti Hijab Protests: सरकार विरोधी प्रदर्शन अपने आठवें सप्ताह में प्रवेश कर चुकी है। बता दें कि 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद से हिजाब को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है।

न्यूज जंगल डेस्क :- ईरान में लगातार जारी अशांति के बीच सरकारी मीडिया (official media) ने रविवार को कहा कि ईरान (Iran) की तेहरान कोर्ट ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के लिए मौत की सजा सुनाई है, इसके अलावा 5 लोगों को 10 साल की सजा सुनाई गई है, सत्तारूढ़ संभावित रूप से विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए ये सजा सुनाई गई है।

दरअसल बता दें कि ईरान (Iran) की न्यायपालिका से जुड़ी न्यूज वेबसाइट मिज़ान ने कहना है कि एक सरकारी इमारत में आग लगाने वाले प्रदर्शनकारी के आरोप में मौत की सजा दी गई है, जबकि बता दें कि मिजान ने कहा कि रिवोल्यूशनरी कोर्ट की अलग-अलग शाखाओं ने फैसले जारी किए, लेकिन मुकदमे के दौरान प्रदर्शनकारियों के बारे में अधिक जानकारी शेयर नहीं की,इस कोर्ट की स्थापना 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद की गई थी?और इसे ईरान (Iran) के मौलवी शासकों का विरोध करने वालों को कठोर दंड देने के लिए जाना जाता है।

हिजाब को लेकर क्या कहता है ईरान (Iran) का कानून

दरअसल बता दें कि 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद ही ईरान (Iran) में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां बढ़ा दी गई थीं, कपड़े पहनने के लिए कानून बनाया गया? हिजाब पहनने को 1981 से अनिवार्य भी कर दिया गया, इसके बाद से करीब 10 साल से अधिक उम्र की लड़कियां और महिलाएं हिजाब (women hijab) से सिर ढकने के लिए मजबूर हैं।

आपको बता दें कि हिजाब और कपड़े पहनने से संबंधित किसी भी उल्लंघन पर 50,000 से 500,000 रियाल तक का जुर्माना के साथ 2 से 12 महीने तक के जेल का प्रवाधान है?

कट्टरपंथी विचारों वाले इब्राहीम रईसी ईरान के 13वें राष्ट्रपति हैं? अगस्त 2021 में देश के राष्ट्रपति (raashtrapati) के तौर पर पद संभालने के बाद ड्रेस कोड लागू कराने को लेकर सख़्ती बढ़ी है,एक रिपोर्ट के मुताबिक, रईसी के पद संभालने के बाद से अब तक करीब 18 महिलाओं (18 women) को फांसी दी जा चुकी है।

आठ सप्ताह से जारी है सरकार (government) विरोधी प्रदर्शन

सरकार विरोधी प्रदर्शन अपने आठवें सप्ताह में प्रवेश कर चुकी है, बता दें कि 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद से हिजाब को लेकर विरोध प्रदर्शन (virodh pradarshan) जारी है, महसा अमिनी को देश के सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के बाद हिरासत में लिया गया था।

दरअसल बता दें कि आरोप है, कि पुलिस हिरासत (police custody) में अमिनी के साथ मारपीट की गई थी,इसके बाद तीन दिनों तक वह कोमा में रही थी,कहा गया कि 13 सितंबर को धार्मिक मामलों की पुलिस (morality police) ने हिजाब ठीक से न पहनने के मामले में गिरफ्तार (Arrested) किया था, जबकि अमिनी के घरवालों का कहना है कि वह हमेशा ड्रेस कोड का पालन करती थी।

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