अलीगढ़ डबल मर्डर: नाली से जुड़े विवाद में पड़ोसियों ने पति-पत्नी को उतारा मौत के घाट

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अलीगढ़ में नाली से जुड़े विवाद को लेकर पड़ोसियों के हमले से अधेड़ उम्र के पति-पत्नी की मौत हो गई, जबकि उनके तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।

न्युज जंगल डेस्क कानपुर :अलीगढ़ के कुर्सी थाना क्षेत्र में नाली से जुड़े विवाद को लेकर पड़ोसियों के हमले से अधेड़ उम्र के पति-पत्नी की मौत हो गई, जबकि उनके तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया सोमवार रात हुई हिंसा का तात्कालिक कारण दोनों पड़ोसियों के घरों के बीच खुले नाले को लेकर हुआ विवाद था। हालांकि, उनके बीच दुश्मनी दो साल पहले हुई एक घटना के बाद से ही चल रही थी।

अधिकारी के मुताबिक, रॉड, पत्थरों और लाठियों से हमला करने के बाद आधा दर्जन से अधिक हमलावर पीड़ितों को छोड़कर मौके से फरार हो गए। हमले में एक दंपति की सिर में गंभीर चोट लगने से मौत हो गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने संवाददाताओं को बताया कि हमले में घायल जगेंद्र पाल (50) ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि उनकी पत्नी सर्वेश देवी (45) की अस्पताल ले जाने के कुछ ही देर बाद मौत हो गई। उनके अनुसार, माता-पिता को बचाने के लिए दौड़े उनके तीनों बच्चे-सोनू (22), विशाल (19) और डॉली (16) भी हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है।  

एसएसपी ने बताया कि हमलावरों में से दो अजय और जितेंद्र को पकड़ लिया गया है, जबकि अन्य नामित आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने इस दोहरे हत्याकांड को दो साल पहले हुई एक हिंसा का ‘बदला लेने’ की कार्रवाई करार दिया है। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2020 में दोनों पड़ोसी परिवारों के बीच एक विवाद को लेकर हुई हिंसा में अधेड़ उम्र की एक महिला की मौत हो गई थी, जिसके बाद जगेंद्र पाल अपने गांव से बाहर चले गए थे।

पुलिस के अनुसार, सोमवार की घटना में मारी गई सर्वेश देवी दो साल पहले की हिंसा में अपने दो बेटों के साथ कई माह जेल में बिताने के बाद जमानत पर बाहर थी। उसका परिवार अलीगढ़ शहर में रह रहा था। अधिकारियों ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले स्थिति सामान्य समझकर सर्वेश देवी और जगेंद्र पाल ने गांव लौटने का फैसला किया, लेकिन सोमवार रात दोनों परिवारों के बीच एक बार फिर हिंसा हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर पीड़ितों को ईंटों और लाठियों से तब तक पीटते रहे, जब तक उन्हें यकीन नहीं हो गया कि वे मर चुके हैं। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो सभी हमलावर भाग चुके थे और हमलावर परिवार की केवल एक महिला घर में मिली थी।

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